झारखंड की राजनीति में हलचल!​,​ सोरेन की भाभी सीता भाजपा में हुई शामिल!

भाजपा ने इस साल एनडीए के लिए 400 सीटों का लक्ष्य रखा है| इसलिए भाजपा ने 400 सीटें जीतने की रणनीति बनाई है| इसी रणनीति के तहत भाजपा ने कई छोटी या क्षेत्रीय पार्टियों से संपर्क किया है|

झारखंड की राजनीति में हलचल!​,​ सोरेन की भाभी सीता भाजपा में हुई शामिल!

Stir in Jharkhand politics, Soren's sister-in-law Sita joins BJP!

देश में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है| चुनाव से पहले सभी पार्टियां अपनी ताकत बढ़ाने के लिए कमर कस रही हैं| इसमें भाजपा आगे चल रही है| भाजपा ने इस साल एनडीए के लिए 400 सीटों का लक्ष्य रखा है| इसलिए भाजपा ने 400 सीटें जीतने की रणनीति बनाई है| इसी रणनीति के तहत भाजपा ने कई छोटी या क्षेत्रीय पार्टियों से संपर्क किया है|

बिहार के बाद झारखंड में सियासी भूचाल भाजपा का लक्ष्य अकेले 370 सीटें जीतने का इसलिए भाजपा ज्यादा से ज्यादा पार्टियों को साथ लेकर ऐतिहासिक जीत हासिल करना चाहती है| उसमें भाजपा ने बिहार के बाद झारखंड में सियासी भूचाल लाने की कोशिश की है| पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन के भाजपा में शामिल होने से झारखंड में हलचल मच गई है|

भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा को बड़ा झटका दिया है| सीता सोरेन के पार्टी छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के बाद जेएमएम ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है| भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने सीता सोरेन की पार्टी में एंट्री पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सीता का अयोध्या में स्वागत है|

भाजपा से लड़ेंगी चुनाव: सीता सोरेन फिलहाल दिल्ली में हैं और दो दिनों में रांची लौटेंगी| वे लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर दुमका से चुनाव लड़ सकते हैं| चर्चा थी कि हेमंत सोरेन को कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से सीता सोरेन नाराज हैं| हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए सामने आया| जिसका सीता सोरेन ने कड़ा विरोध किया था|

सीता सोरेन को भी उम्मीद थी कि उन्हें बाद में चंपई सोरेन कैबिनेट में कोई पद मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ| हेमंत सोरेन के छोटे भाई और दुमका विधायक बसंत सोरेन को अहम हिसाब मिला है|बताया जाता है कि झामुमो की बढ़ती सक्रियता से सीता सोरेन असहज थीं, इसलिए कल्पना सोरेन ने भाजपा का दामन थामा।

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