उद्धव ठाकरे गुट के नेता सुभाष देसाई का बेटा भूषण देसाई सोमवार को शिवसेना ( शिंदे गुट) में शामिल हो गए। माना जा रहा है कि उद्धव गुट को अब तक बड़ा झटका है। ठाकरे गुट के साथ हर समय साथ दिखने वाले सुभाष देसाई के बेटे द्वारा उठाये गए कदम से उद्धव की शिवसेना के लिए यह चिंता का विषय है। जब भूषण देसाई शिवसेना ( शिंदे गुट) में शामिल हो रहे थे उस समय जोरदार नारे भी लगाए गए।
गौरतलब है कि, शिवसेना ( शिंदे गुट) में लगातार लोग शामिल हो रहे हैं। शिवसेना से अलग होकर बीजेपी के साथ जाकर सरकार बनाकर शिवसेना ( शिंदे गुट) ने उद्धव ठाकरे की हर तरह से कमर तोड़ दी है। अब जब सुभाष देसाई का बेटा भूषण देसाई मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में पार्टी में प्रवेश किया। इस समय खूब नारेबाजी की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि भूषण देसाई मेहनतकश लोगों और वास्तविक शिवसेना के साथ रहने का मन बनाया। उनका स्वागत है। मै तहे दिल से उनका अभिनंदन करता हूं।
हालांकि, भूषण देसाई ने इस दौरान खास बातें नहीं की। जब उनसे पूछा गया कि क्या शिंदे यानी शिवसेना के साथ जाने से पहले अपने पिता से इस संबंध में बात किये थे। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मै पिताजी को इस संबंध में बता दिया हूं। वहीं, उन्होंने कहा कि सही मायने में बाला साहेब ठाकरे के विचारों वाली पार्टी शिवसेना यानी शिंदे गुट है। यह वजह है कि मैं असली शिवसेना के साथ जाने का मन बनाया। उन्होंने कहा कि कि शिंदे गुट तेजी के साथ निर्णय लेता है और यह विकास करने वाली सरकार है। यही वजह है कि दोनों गुटों में जमीन आसमान का फर्क दिखता है।
गौरतलब है कि शिवसेना से चालीस विधायकों के अलग होने बाद उद्धव ठाकरे के साथ बड़े चेहरों में सुभाष देसाई ही हैं। वही एक मात्र अब नेता रह गए हैं जो उद्धव ठाकरे के साथ थे और करीबी भी है। देसाई कई बार बड़े पदों पर रह चुके हैं। वे उद्योग मंत्री भी रह चुके हैं। लेकिन, उनके बेटे के रुख बदलने से कहा जा सकता है। देसाई परिवार बड़ी फूट है। एक सवाल बार बार उठेंगे कि जिस गुट को उद्धव गुट गद्दार कहता रहा है। क्या अब सुभाष देसाई अपने बेटे को गद्दार कहेंगे? क्या आदित्य ठाकरे और उद्धव ठाकरे 50 खोखे,अब भी बाकी सब ओके कहेंगे।
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