सूडान की राजधानी खार्तूम में जारी भीषण संघर्ष के बीच सेना ने राष्ट्रपति भवन पर फिर से कब्जा कर लिया है। यह इमारत शहर के सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है और इस पर नियंत्रण स्थापित करना सेना के लिए एक बड़ी प्रतीकात्मक जीत मानी जा रही है। हाल के दिनों में सेना और अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच लड़ाई तेज हो गई थी, जिसमें सेना ने निर्णायक बढ़त बनाते हुए इस अहम इमारत पर अपना झंडा फहराया।
राष्ट्रपति भवन खार्तूम के उस क्षेत्र में स्थित है, जहां अधिकतर सरकारी मंत्रालय और वित्तीय संस्थान मौजूद हैं। इस क्षेत्र पर सेना की पकड़ मजबूत होने का मतलब है कि राजधानी के महत्वपूर्ण हिस्सों में उसका प्रभाव फिर से बढ़ रहा है। हालांकि, आरएसएफ के लड़ाके अब भी शहर के कुछ इलाकों में जमे हुए हैं, जिससे यह संघर्ष अभी खत्म होता नहीं दिख रहा।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, राष्ट्रपति भवन पर सेना का कब्जा होने के बाद सैनिकों को जश्न मनाते, हवा में बंदूकें लहराते और नारे लगाते देखा गया। कुछ सैनिक इमारत के बाहर घुटनों के बल बैठकर प्रार्थना भी कर रहे थे। सेना के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि इस अभियान के दौरान दुश्मन के कई लड़ाकू विमानों और सैन्य उपकरणों को नष्ट कर दिया गया है। सेना ने राजधानी के अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालयों और सरकारी इमारतों पर भी नियंत्रण स्थापित करने का दावा किया है।
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गौरतलब है कि सूडान में अप्रैल 2023 से गृहयुद्ध जारी है, जिसमें हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र ने इस संघर्ष को दुनिया के सबसे बड़े मानवीय संकटों में से एक करार दिया है। देश में खाद्य आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है और स्वास्थ्य सेवाएं भी ठप हो चुकी हैं। हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं, और सेना तथा आरएसएफ के बीच सत्ता की इस लड़ाई का अंत फिलहाल नजर नहीं आ रहा।