विधान परिषद चुनाव में मतदान को लेकर जेल में बंद अनिल देशमुख और मंत्री नवाब मलिक अंतिम समय तक कोशिश करते रहे। मतदान के सोमवार को उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई पर सर्वोच्च न्यायालय ने इन दोनों नेताओं को मतदान की अनुमति देने से इंकार कर दिया।
इसके पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने यह कहते हुए इन दोनो विधायको को मतदान की अनुमति से इंकार कर दिया था की राजनीतिक का अपराधीकरण रोकने के लिए यह प्रावधान किया गया है।कोर्ट ने कहा था की जेल में बंद लोगों को मतदान की अनुमति देने से लोकतंत्र मजबूत नहीं होगा। इसके पहले राज्यसभा चुनाव के लिए भी अदालत ने देशमुख और मलिक को मतदान की अनुमति नहीं दी थी।
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