बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ‘वोट चोरी’ का मुद्दा अब सीधा सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। अखिल भारतीय हिंदू महासभा के सदस्य ने कांग्रेस, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ जनहित याचिका (PIL) दाखिल की है। याचिका में कांग्रेस के वोट चोरी अभियान को चुनाव आयोग की संवैधानिक शक्तियों को कमजोर करने वाला दुष्प्रचार बताते हुए कांग्रेस का पंजीकरण रद्द करने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि कांग्रेस जानबूझकर “वोट चोरी अभियान” के जरिए चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा कर रही है। अपील में कहा गया कि यह अभियान लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पवित्रता पर सीधा हमला है और इससे जनता के बीच भ्रम फैल रहा है।
बिहार की सियासत इस वक्त ‘वोट चोरी’ के आरोपों को लेकर बेहद गरमाई हुई है। विपक्षी दलों का कहना है कि भाजपा मतदाता सूची से नाम हटाकर चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। वहीं भाजपा का पलटवार है कि कांग्रेस और विपक्ष झूठ और भ्रम फैलाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। इन आरोप-प्रत्यारोपों के बीच विधानसभा चुनाव से पहले ‘वोट चोरी’ का नैरेटिव सियासत का बड़ा हथियार बन चुका है और इसका असर पूरे चुनावी माहौल पर साफ दिखाई देने लगा है।
इधर, कांग्रेस ने पलटवार तेज कर दिया है। बिहार के मुंगेर में भारी बारिश के बीच आयोजित रैली में राहुल गांधी ने कहा,
“भाजपा निर्वाचन आयोग के साथ मिलीभगत करके बिहार के लोगों से मताधिकार छीनना चाहती है। लेकिन विपक्षी गठबंधन इंडिया ऐसा नहीं होने देगा। वोट चोरी संविधान पर हमला है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में नतीजों में हेरफेर किया था। राहुल ने दावा किया कि बेंगलुरु सेंट्रल सीट पर एक लाख फर्जी मतदाताओं को जोड़ा गया था।
सियासी आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर हैं। अदालत इस याचिका पर क्या रुख अपनाती है, यह आने वाले चुनावी परिदृश्य को गहराई से प्रभावित करेगा।
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