तमिलनाडु शराब घोटाला: पलानीस्वामी ने कहा, शराब घोटाले की जिम्मेदारी ले तमिलनाडु सरकार!

भाजपा का हमला!

तमिलनाडु शराब घोटाला: पलानीस्वामी ने कहा, शराब घोटाले की जिम्मेदारी ले तमिलनाडु सरकार!

Tamil Nadu liquor scam: Palaniswami said, Tamil Nadu government should take responsibility for the liquor scam!

तमिलनाडु विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत राजनीतिक उथल-पुथल के साथ हुई, जब विपक्षी पार्टी अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) ने सदन से वॉकआउट किया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सत्र का बहिष्कार कर दिया।

विधानसभा से बाहर निकलने के बाद विपक्ष के नेता एडप्पादी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि डीएमके सरकार एक बड़े शराब घोटाले में लिप्त है और उसे इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए।

1,000 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का आरोप

पलानीस्वामी ने कहा, “राज्य में शराब की बिक्री से जुड़े कथित घोटाले में 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का भ्रष्टाचार उजागर हुआ है, लेकिन सरकार ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। क्या मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को इस पर जवाब नहीं देना चाहिए? अगर सरकार के पास नैतिकता बची है, तो उसे तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।”

उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष ने स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन इस पर कोई चर्चा नहीं की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा से बचने की कोशिश कर रही है।

भाजपा ने भी घोटाले पर उठाए सवाल

भाजपा नेता वनथी श्रीनिवासन, जो कोयंबटूर दक्षिण से विधायक और भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, ने भी इस मामले पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिपोर्ट साफ तौर पर बताती है कि तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन (TASMAC) के जरिए शराब की बिक्री में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। राज्य सरकार इस पर चुप क्यों है?”

वनथी श्रीनिवासन ने आगे कहा कि डीएमके सरकार कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने तमिलनाडु बजट में रुपये के प्रतीक को हटाने के मुद्दे को भी घोटाले से ध्यान हटाने का प्रयास करार दिया।

डीएमके सरकार पर चौतरफा दबाव

तमिलनाडु सरकार पहले से ही कई विवादों में घिरी हुई है, जिसमें बजट लोगो से रुपये के आधिकारिक प्रतीक (₹) को हटाने का मुद्दा भी शामिल है। अब शराब घोटाले के आरोपों ने विपक्ष को सरकार पर और हमलावर बना दिया है। हालांकि, राज्य सरकार ने अभी तक इस घोटाले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि डीएमके इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या विपक्ष सरकार को घेरने में सफल होता है।

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