देश के पहले हाइड्रोजन हब पोर्ट को पीएम मोदी ने दिखाई हरी झंडी!

राज्य के विभिन्न परियोजनाओं में देश का पहला हाइड्रोजन हैब पोर्ट और इनलैंड वाटर वे वेसल शामिल है| वेसल को हरित नौका इनिशिएटिव के अनुसार बनाया गया है| वही, पीएम द्वारा वीओ चिदंबरनार बंदरगाह पर आउटर हार्बर कंटेनर टर्मिनल की आधारशिला रखी| 

देश के पहले हाइड्रोजन हब पोर्ट को पीएम मोदी ने दिखाई हरी झंडी!

PM Modi flags off country's first hydrogen hub port!

पीएम मोदी ने तमिलनाडु के दौरे पर हैं| इस अवसर पर मोदी ने थूथूकुड़ी में देश के पहले हाइड्रोजन हब पोर्ट को हरी झंडी दिखाई है| इसके साथ ही राज्य को 17,300 करोड़ रूपये की कई परियोजनाओं का उद्धघाटन और शिलान्यास किया गया| राज्य के विभिन्न परियोजनाओं में देश का पहला हाइड्रोजन हैब पोर्ट और इनलैंड वाटर वे वेसल शामिल है| वेसल को हरित नौका इनिशिएटिव के अनुसार बनाया गया है| वही, पीएम द्वारा वीओ चिदंबरनार बंदरगाह पर आउटर हार्बर कंटेनर टर्मिनल की आधारशिला रखी| 

पीएम मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के नए प्रक्षेपण परिसर का शिलान्यास किया, जिसकी लागत लगभग 986 करोड़ रुपये है। इसके बनकर तैयार होने पर यहां से प्रति वर्ष 24 प्रक्षेपण किए जा सकेंगे। वही, इसरो के इस नए परिसर में ‘मोबाइल लॉन्च स्ट्रक्चर’ (एमएलएस) तथा 35 केंद्र शामिल हैं। इससे अंतरिक्ष रिसर्च क्षमताओं को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसी क्रम में थूथुकुडी में हरित नौका पहल के तहत भारत के पहले स्वदेशी हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल अंतर्देशीय जलमार्ग जहाज को हरी झंडी दिखाई।  

इस अवसर विपक्षियों निशाना साधते हुए कहा कि ‘सत्य कड़वा होता है, लेकिन सत्य जरूरी भी होता है| उन्होंने कहा कि जो प्रोजेक्ट्स मैं आज लेकर आया हूं, ये दशकों से यहां के लोगों की मांग थी। लेकिन उनको आपके विकास की परवाह नहीं थी। राज्य को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा की की इनकी तमिलनाडु की भलाई के लिए कदम उठाने की हिम्मत नहीं थी। आज मैं तमिलनाडु की इस पावन भूमि पर इस राज्य का एक सेवक बनकर आया हूं।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आज भारत की पहली हाइड्रोजन ईंधन फेरी को लॉन्च किया गया है। यह फेरी जल्द ही काशी में गंगा नदी में चलेगी, यह एक तरह से तमिलनाडु के लोगों का काशी के लोगों को बहुत बड़ा उपहार है।’

नये भारत की परिकल्पना को साकार करने के प्रयास में पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा था की देश के प्रमुख लाइटहाउस को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है|देश के अलग-अलग राज्यों में पर्यटन सुविधाओं को देश को समर्पित करने का सौभाग्य मिला है|वही, प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘जलमार्ग और समुद्री क्षेत्र को दशकों तक हमारे देश में उपेक्षा के साथ देखा गया, लेकिन यही उपेक्षित क्षेत्र आज विकसित भारत की नींव बन रहे हैं। तमिलनाडु और दक्षिण भारत को इसका सबसे बड़ा फायदा मिल रहा है।’

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