केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कहा कि इसके लिए तत्काल प्रभाव से बेहतर उपाय किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने सड़क निर्माण उद्योग से नई तकनीकों और सस्टेनेबल रिसाइकल किए जाने योग्य निर्माण सामग्री अपनाकर सड़क सुरक्षा को बढ़ाने के लिए रणनीतियाँ विकसित करने का आग्रह किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हमारा लक्ष्य 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं की दर में 50 प्रतिशत की कमी लाना है।” राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित ‘ग्लोबल रोड इंफ्राटेक समिट एंड एक्सपो (जीआरआईएस)’ के दौरान गडकरी ने बताया कि देश में होने वाली अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं खराब सड़क डिजाइन, निर्माण और प्रबंधन, साथ ही अनुचित सड़क संकेत और मार्किंग सिस्टम के कारण होती हैं।
उन्होंने सुझाव दिया कि स्पेन, ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड जैसे देशों के अनुभवों से भारत में सुधार किया जा सकता है।गडकरी ने बताया कि भारत में हर साल 4,80,000 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 1,80,000 मौतें और लगभग 4,00,000 गंभीर रूप से घायल होते हैं। इनमें से अधिकांश दुर्घटनाएं 18-45 वर्ष आयु वर्ग के लोगों की हैं, और इनमें अधिकतर दोपहिया वाहन सवार और पैदल यात्री शामिल होते हैं।
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केंद्रीय मंत्री ने कहा, “यह दुर्घटनाओं का आर्थिक नुकसान सकल घरेलू उत्पाद का 3 प्रतिशत है।” सड़कों की खराब योजना और डिजाइन के कारण बढ़ती दुर्घटनाओं के लिए इंजीनियरों को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराते हुए गडकरी ने घटिया डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) पर भी ध्यान दिलाया।
उन्होंने सरकार और उद्योग से सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सहयोग करने की अपील की, साथ ही सुरक्षित इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण और सुरक्षित ड्राइविंग आदतों के प्रचार-प्रसार के महत्व पर जोर दिया। इस सम्मेलन का उद्देश्य इनोवेशन को बढ़ावा देना, उद्योग प्रदाताओं से कटिंग-एज समाधान प्रस्तुत करना, ज्ञान का आदान-प्रदान करना और सरकारी और निजी संगठनों के विशेषज्ञों और निर्णयकर्ताओं के लिए नेटवर्किंग के अवसर उपलब्ध कराना था।