सुनील तटकरे ने कहा, ”2017 में मुझे और अजित पवार को सत्ता में शामिल होने के बारे में बताया गया था, लेकिन, मैंने और अजित पवार ने सत्ता में भागीदारी नहीं की|सात-आठ महीने तक चर्चा हुई, लोकसभा सीटें, हिसाब-किताब, मंत्री पद, पालक मंत्री पद भी तय हुए, लेकिन, किसी कारणवश यह सरकार नहीं बन पाई। नहीं तो 2017 में भाजपा और एनसीपी की सरकार बन जाती|
“घड़ी वही है, समय नया है”: सरकार नहीं बनी तो कर्जत में ही पार्टी का कैंप हुआ और वहीं से नई दिशा के साथ काम करना शुरू किया|अब उसी कर्जत में हमारा डेरा है| तटकरे ने विश्वास व्यक्त किया कि हमें ‘वही घड़ी, नया समय’ के विचार के साथ आगे बढ़ना होगा।
“वर्ष 2019 में जयंत पटल एवं अन्य विधायकों के हस्ताक्षर का विवरण”: वर्ष 2019 में शपथ ग्रहण समारोह सुबह 8 बजे आयोजित किया गया था| इसके बाद अजित पवार आलोचना के निशाने पर आ गए, लेकिन फिर अजित पवार के दफ्तर में एक बैठक हुई| इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल समेत विधायकों के समर्थन का विवरण तैयार किया गया| शिव, साहू, फुले और डॉ. बाबा साहब अंबेडकर के विचारों पर ठाणे विधायक ने भी हस्ताक्षर किए,” सुनील तटकर ने जितेंद्र आव्हाड पर निशाना साधा|
चुनावी खर्चों को पूरा करने के लिए टमाटर की कमी का गंभीर आरोप-प्रकाश अंबेडकर