9 हजार करोड़ के घोटाले के आरोपी को बचा रही ठाकरे सरकारः रवि राणा

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मुंबई। अमरावती से सासंद नवनीत राणा के विधायक पति रवि राणा ने आरोप लगाया कि उद्धव सरकार ने  पूर्व मंत्री और पूर्व  सांसद आनंदराव अडसुल को बचा रही थी।  इसलिए केस क्राइम ब्रांच की की ईओडब्लू से ईडी के पास ट्रांसफर हुआ है। विधायक राणा ने कहा कि सिटी को ऑपरेटिव बैंक में कुल 9 हजार से ज्यादा  मराठियों के बैंक अकाउंट  थे।
अकेले मुम्बई में ही कुल 14 ब्रांच थे। पर इस घोटाले ने खाताधारकों को सड़क पर ला दिया। लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई। क्योंकि राज्य में शिवसेना की सत्ता है उद्धव ठाकरे सीएम है इसलिए आनंद राव अडसुल को बचाया जा रहा है।
राणे ने कहा कि खातेदारों और मैंने खुद ईडी को इसकी शिकायत की और इसके बाद उन्होंने प्राथमिक जांच की तो कुल 900 करोड़ से ज्यादा का घोटाला सामने आया। इस मामले में पिता पुत्र और रिश्तेदार उनके सब दोषी है। इन सब पर कार्रवाई होनी चाहिए।

ईडी अधिकारियों को देखते ही बीमार हुई पूर्व सांसद

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम सोमवार को शिवसेना नेता व पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल के परिसर पहुंची और उन्हें धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए समन दिया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि 74 वर्षीय अडसुल ने स्वास्थ्य संबंधी समस्या की शिकायत की और उन्हें उनके परिवार द्वारा अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने कहा कि ईडी ने पहले इस मामले में छापेमारी की थी और अडसुल तथा कुछ अन्य लोगों से पूछताछ करना चाहता था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सहकारी बैंक में कथित तौर पर लगभग 980 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में अडसुल के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

धनशोधन का यह मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की एक प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें बैंक में ऋण राशि के वितरण और अन्य वित्तीय लेनदेन में कथित अनियमितताओं के आरोप हैं। बैंक के पूर्व अध्यक्ष अडसुल ने ही पुलिस में यह शिकायत दर्ज कराई थी। अडसुल ने लोकसभा में अमरावती सीट का प्रतिनिधित्व किया था। वह 2019 के आम चुनावों में इसी सीट से निर्दलीय प्रत्याशी नवनीत कौर राणा से हार गए थे। बाद में अडसुल ने मौजूदा सांसद के जाति प्रमाण पत्र की सत्यता को चुनौती दी और बंबई उच्च न्यायालय ने राणा के जाति प्रमाण पत्र को रद्द करने का फैसला सुनाया। हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी।

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