आदित्य ठाकरे : अगर मुंबई का जोशीमठ हुआ, कौन जिम्मेदार है ? 

मुंबई में कॉन्क्रीटाइजेशन बढ़ गया है। दोनों भवनों के बीच की जगह को भी कंक्रीट कर दिया गया है। जहां खुली जगह या मिट्टी के खेत हुआ करते थे, वहां कंक्रीटीकरण भी हुआ है। अब इन सबके बाद फिर से बाढ़ आ गई।

आदित्य ठाकरे : अगर मुंबई का जोशीमठ हुआ, कौन जिम्मेदार है ? 

Aditya Thackeray: If there is a riot in Mumbai, who will be responsible?

मुंबई में चार सौ किलोमीटर सड़कों को पक्का करने के लिए 6,000 करोड़ रुपये के फंड को मंजूरी दी गई है। ठाकरे की शिवसेना के विधायक आदित्य ठाकरे ने सत्तारूढ़ गठबंधन को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मुंबई नगर निगम (मुंबई नगरपालिका चुनाव) के प्रशासक द्वारा इतने बड़े फंड के काम को मंजूरी देना सभी पार्टियों के पार्षदों का अपमान है|

आदित्य ठाकरे ने यह भी कड़ा आरोप लगाया कि मुंबई नगर निगम के प्रशासक वर्तमान में संविधान के बाहर मुख्यमंत्री से आदेश ले रहे हैं। साथ ही आदित्य तेहरे ने भी कहा है कि कंक्रीटीकरण बढ़ने से मुंबई समृद्ध बन सकती है|

मुंबई में कॉन्क्रीटाइजेशन बढ़ गया है। दोनों भवनों के बीच की जगह को भी कंक्रीट कर दिया गया है। जहां खुली जगह या मिट्टी के खेत हुआ करते थे, वहां कंक्रीटीकरण भी हुआ है। अब इन सबके बाद फिर से बाढ़ आ गई। क्योंकि हम इस तरह के कांक्रीटीकरण को बर्दाश्त नहीं कर सकते। किसी भी शहर में ऐसा कंक्रीटीकरण नहीं है। दुनिया के किसी भी शहर को ले लीजिए, कहीं भी 100 प्रतिशत कंक्रीटीकरण नहीं हुआ है।

आदित्य ठाकरे ने कहा कि अभी चुनाव कराना जरूरी है| क्योंकि चुनाव काफी समय से रुके हुए हैं| चुनाव कराने की हिम्मत नहीं है| कई नगर निगम जैसे मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, सोलापुर, कोल्हापुर, सोलापुर, नासिक, नागपुर,औरंगाबाद, वसई-विरार हैं, जहां चुनाव जरूरी हैं, वहां जनप्रतिनिधि नहीं हैं।

उत्तराखंड के जोशीमठ में मकान और सड़कें दरक रही हैं| बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ है। जोशीमठ से सैकड़ों परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है| उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन की कमी से बड़ा संकट खड़ा हो गया है| वहां के मकानों, सड़कों और खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं।

जोशीमठ अभी हुआ है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर ने जोशीमठ शहर की सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं। इन तस्वीरों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जोशीमठ में भू-क्षरण की प्रक्रिया कैसी चल रही है। जोशीमठ केवल 12 दिनों में 5.4 सेमी कम हुआ है।
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