दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले को लेकर बुधवार, 21 दिसंबर को लोकसभा में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे पर गंभीर आरोप लगाए गए। इसके साथ ही सुशांत सिंह मौत मामले में एक बार फिर से सियासी हलचल बढ़नेे लगे हैं। संसद सदस्य राहुल शेवाले ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती के फोन पर एयू नाम से 44 फोन कॉल आए थे। बिहार पुलिस के मुताबिक एयू का मतलब आदित्य और उद्धव था। लोकसभा में राहुल शेवाले के इस बयान के बाद महाराष्ट्र में सियासी हलचल मच चुका है।
लोकसभा में राहुल शेवाले ने कई सवाल उठाये जैसे, सुशांत सिंह मौत मामले में सीबीआई की जांच कहां तक पहुंची, क्या सीबीआई अपने अंतिम निष्कर्ष तक पहुंच चुकी है, सुशांत सिंह राजपूत के शरीर पर चोट के निशान कैसे थे? सुशांत सिंह राजपूत और उनकी पूर्व मैनेजर दिशा सालियान के बीच फोन पर हुई बातचीत की जांच हुई है क्या? इन तमाम सवालों का जवाब अब भी नहीं मिल पाया है। हालांकि, लीगल केस में एयू का मतलब अनन्या उदास कहते हैं। बिहार पुलिस की जांच में आदित्य और उद्धव ठाकरे का नाम आया था। इसलिए इस पूरे मामले की बारीकी से जांच होनी चाहिए। राहुल शेवाले ने यह सवाल भी उठाया कि 10 जून 2020 के दिन घर के बाहर आये थे क्या? उनका लैपटॉप और अन्य वस्तुएं किसी ने वहां से हटाई हैं क्या?
लोकसभा में उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे पर लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद ठाकरे गुट के सांसद काफी विद्रोही अंदाज में नजर आए। इन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से मांग कि ठाकरे परिवार पर लगाए गए आरोपों का संज्ञान न लिया जाए और उसे सदन के कामकाज की लिस्ट में शामिल न किया जाए। ठाकरे गुट के सांसदों की मांग को लोकसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया। जिसके बाद राहुल शेवाले के आरोपों को सदन की कार्यवाही से अलग कर लिया गया है। वहीं ठाकरे गुट के सांसद विधायक संजय राउत ने कहा कि शिंदे गुट के एक सांसद ने लोकसभा में यह कहने का प्रयास किया कि दिशा सालियन और सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में आदित्य ठाकरे आरोपी हैं। उनका प्रयास बेहद निंदनीय है, हमने इस बात का सदन में विरोध किया है।
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