मुंबई। यह तो सिर्फ सरकारी घोषणाओं की हकीकत की एक बानगी भर है। महाराष्ट्र की तीन दल वाली सरकार ने 20 दिनों पहले मिनी लॉक डाउन से प्रभावित होने वाले राज्य के सवा सात लाख ऑटोरिक्शा चालकों को 1500-1500 रुपए की आर्थिक मदद का एलान किया गया था। एक पखवाडे से अधिक समय बीत गया पर अभी तक इसके लिए आवेदन करने ऑनलाईन प्रणाली शुरु नहीं हो सकी है। सरकार के कॉल सेटर से बताया जा रहा है कि अभी तक ऑनलाईन आवेदन स्वीकार करने के लिए प्रणाली शुरु करने के लिए सरकारी की तरफ से कोई आदेश नहीं आया है।
इसमे दो माह का समय लग सकता है। सवाल यह है कि 1500 रुपये के लिए कितना इंतज़ार करेंगे ऑटो रिक्शा चालक भाजपा उत्तरभारतीय मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष संजय पांडेय ने 1500 रुपए की आर्थिक मदद के लिए आवेदन करने की जानकारी के लिए कॉल सेंटर पर फोन किया तो उन्हें बताया कि फिलहाल ऑनलाईन आवेदन स्वीकार करने के लिए हमें आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। पांडेय के अनुसार अभी तक वह फार्म ही अपलोड नहीं किया गया है जिसे भरना है। कॉल सेंटर से आटोरिक्शा चालकों को बताया जा रहा है कि इसमें 25 से 30 दिन का समय लग सकता है। पांडेय कहते हैं कि लॉकडाउन के चलते हर रोज अपनी रोजी-रोटी का इंतजाम करने वाले रिक्शा चालक कैसे इतना लंबा इंतजार कर सकते हैं।
पिछले माह मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा
इसके पहले बीते 13 अप्रैल को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य के परमिटधारक साढे सात लाख आटोरिक्शा चालकों को 1500-1500 रुपए की आर्थिक सहायता देने का एलान किया था। इसके बाद राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने बीते 20 अप्रैल को अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदेश में लागू संचारबंदी से प्रभावित 7 लाख 15 हजार परमिट धारक ऑटो रिक्शा चालकों को 107 करोड़ रुपए का सानुग्रह अनुदान बांटने का आदेश दिया था। परब ने कहा था कि ऑटो रिक्शा चालकों के बैंक खाते में सीधे अनुदान की राशि जमा की जाएगी। इसके लिए परिवहन विभाग के माध्यम से ऑनलाइन प्रणाली विकसित की जाएगी। इसमें परमिट धारक ऑटो रिक्शा चालकों को अपना आधार क्रमांक, वाहन क्रमांक और लाइसेंस नंबर ऑनलाइन पंजीयन कराना पड़ेगा। इसके बाद ऑटो रिक्शा चालकों को आधार क्रमांक से जुड़े हुए बैंक खाते में राशि ऑनलाइन जमा कराई जाएगी। पर 15 दिनों बाद भी इस मामले में कोई प्रगति नहीं हो सकी।