शिवसेना और एनसीपी विभाजन का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। तो वहीं नेशनलिस्ट पार्टी और उसके चुनाव चिन्ह को लेकर विवाद चुनाव आयोग के पास चला गया है|इस मामले में आज चुनाव आयोग में सुनवाई हुई|इस मौके पर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, सुप्रिया सुले समेत एनसीपी के कई नेता मौजूद रहे|शरद पवार गुट की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी सामने आए|तो इस बार चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट की दलील सुनी|सुनवाई के बाद अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रतिक्रिया दी है|
चुनाव आयोग में करीब डेढ़ घंटे तक सुनवाई हुई|इस सुनवाई में हमारी ओर से बहस शुरू हो गई|हमने चुनाव आयोग के सामने कई चमत्कारिक तथ्य रखे|याचिकाकर्ताओं द्वारा चुनाव आयोग में दाखिल किए गए दस्तावेजों में से 20 हजार हलफनामे में त्रुटियां पाई गई हैं|तो वहीं 8 हजार 900 शपथ पत्र चार्ट बनाकर चुनाव आयोग को सौंपे गए हैं|इसमें दस्तावेजों और शपथ पत्रों में भ्रष्ट, विकृत तरीके से त्रुटियां पाई गई हैं|
इसमें मृत व्यक्तियों के शपथ पत्र तो हैं ही, नाबालिगों के भी शपथ पत्र जमा कराए गए हैं। ऐसे पोस्ट भी दिखाए गए हैं जो एनसीपी के संविधान में नहीं हैं।गृहिणी, जोमैटो सेल्समैन दर्शाने का शपथ पत्र दाखिल किया गया है। इस प्रकार 24 श्रेणियां बनाई गई हैं।हम यह स्पष्ट करते हैं कि यह शपथपत्र ग़लत ढंग से निष्पादित किया गया है।
इसका मतलब यह है कि अजित पवार गुट को कोई समर्थन नहीं है|अब अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी| इसलिए, हम फर्जी हलफनामा दाखिल करने के लिए अजित पवार समूह के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने जा रहे हैं।’ झूठे बयान, गलत शपथ पत्र देने के मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
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