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Sunday, October 6, 2024
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राजनीतिक पटाखे फूटने में अभी भी वक्त है​’, MLA अयोग्यता पर राहुल नार्वेकर का सांकेतिक बयान​!

​विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, राजनीतिक पटाखे तो लगातार फूट रहे हैं, लेकिन आज दिवाली के पटाखों के बारे में ही बात करना उचित होगा. क्योंकि सियासी आतिशबाजी फूटने में अभी वक्त है​|​

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विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर मुंबई के कोलाबा कोलीवाड़ा में दिवाली के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए|नार्वेकर ने स्थानीय नागरिकों के साथ दिवाली मनाई और राज्य के लोगों को दिवाली की शुभकामनाएं भी दीं|इस दौरान उन्होंने इस मौके पर मीडिया से बातचीत की|बातचीत के दौरान नार्वेकर ने दिवाली की आतिशबाजी सहित राजनीतिक आतिशबाजी पर टिप्पणी की।विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, राजनीतिक पटाखे तो लगातार फूट रहे हैं, लेकिन आज दिवाली के पटाखों के बारे में ही बात करना उचित होगा|क्योंकि सियासी आतिशबाजी फूटने में अभी वक्त है|

सुप्रीम कोर्ट ने राहुल नार्वेकर को निर्देश दिया है कि वह शिवसेना विधायक की अयोग्यता को लेकर सुनवाई करें और 31 दिसंबर तक फैसला दें|इसलिए, नार्वेकर से मीडिया प्रतिनिधियों ने 31 दिसंबर की राजनीतिक पिटाई के बारे में सवाल किया। इस पर नार्वेकर ने कहा, आप इसकी चिंता न करें, राजनीतिक आतिशबाजी फूटने में कुछ वक्त बाकी है|जनता द्वारा अपेक्षित निर्णय होना आवश्यक है। जब लोकतंत्र में ऐसे निर्णय लिए जाते हैं तो उन्हें संवैधानिक दायरे में ही लिया जाना चाहिए।

विधायक अयोग्यता के फैसले पर राहुल नार्वेकर ने कहा, ऐसे फैसले स्थायी होने चाहिए|ये फैसले कैसे टिकेंगे, इस पर विचार होने की उम्मीद है|हमारी सरकार संवेदनशील है, विधायिका भी संवेदनशील है|इसलिए हम आने वाले समय में एक स्थायी और स्थायी निर्णय लेंगे। उन्हें विधानमंडल का समर्थन प्राप्त होगा|राजनीतिक तौर पर उम्मीद है कि ऐसा फैसला आएगा कि लोगों को न्याय मिलेगा|उसके लिए कानून के प्रावधानों और संविधान के प्रावधानों का पालन किया जायेगा|

21 नवंबर को सुनवाई: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट के 22 विधायकों ने दावा किया कि उन्हें पार्टी का जनादेश (वीआईपी) नहीं मिला|गुरुवार को राहुल नार्वेकर के समक्ष हुई सुनवाई मेंकुछ अन्य मुद्दों पर दस्तावेज, सबूत और हलफनामे जमा करने की समय सीमा फिर से 15 नवंबर तक दी गई है और अब 21 से सुनवाई होगी| उद्धव ठाकरे और शिंदे गुट ने किया सहयोग​, नार्वेकर ने स्पष्ट किया है कि याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 31 दिसंबर की समय सीमा के भीतर ही फैसला किया जा सकता है।

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