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Saturday, December 6, 2025
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ट्रंप का सोरोस पर हमला: ‘दंगों की फंडिंग’ का आरोप!

ओपन सोसाइटी फाउंडेशन ने किया खंडन

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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर मशहूर कारोबारी और डेमोक्रेटिक पार्टी के बड़े डोनर जॉर्ज सोरोस पर निशाना साधा है। ट्रंप ने आरोप लगाया कि देश में हो रहे विरोध प्रदर्शनों को सोरोस फंडिंग करते हैं। साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि उनके खिलाफ रीको (Racketeer Influenced and Corrupt Organizations Act) के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

शुक्रवार को फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, “हम सोरोस की जांच करेंगे, क्योंकि मुझे लगता है कि यह केवल विरोध प्रदर्शन का मामला नहीं है। यह उनके और अन्य लोगों के खिलाफ रीको का मामला है।” उन्होंने आरोप लगाया कि सोरोस और उनके समर्थक संगठित तरीके से अराजकता फैलाने में शामिल हैं।

दरअसल, ट्रंप हाल ही में वॉशिंगटन डीसी के एक रेस्त्रां पहुंचे थे, जहां उनके खिलाफ प्रदर्शन हुआ। ट्रंप का दावा है कि इस प्रदर्शन के पीछे भी सोरोस का हाथ था। उन्होंने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी के बड़े डोनर होने के नाते सोरोस ने इस तरह की गतिविधियों को फंड किया होगा।

ट्रंप इससे पहले भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर सोरोस और उनके बेटे को चेतावनी दे चुके हैं। उन्होंने यहां तक कहा था कि सरकार उनकी गतिविधियों पर नजर रख रही है और पिता-पुत्र की जोड़ी को उन्होंने साइकोपैथ का गुट बताया था।

दूसरी ओर, सोरोस के एनजीओ ओपन सोसाइटी फाउंडेशन ने इन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है। संगठन का कहना है कि वह किसी भी तरह से प्रदर्शनकारियों को पैसे नहीं देता और न ही सीधे तौर पर उन्हें प्रशिक्षित या एकत्रित करता है। अगस्त में भी फाउंडेशन ने साफ किया था कि उनकी गतिविधियों का उद्देश्य लोकतंत्र और मानवाधिकारों को मजबूत करना है, न कि अराजकता फैलाना।

अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोरोस ने 2020 से अब तक डेमोक्रेटिक पार्टी को करोड़ों डॉलर का दान दिया है। इसी साल 2025 में उन्हें प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम से सम्मानित किया गया था। ट्रंप के ताजा हमले को चुनावी राजनीति के संदर्भ में भी देखा जा रहा है, क्योंकि वह लगातार डेमोक्रेट्स और उनके सहयोगियों को निशाना बना रहे हैं।

कानूनी जानकारों के मुताबिक, रीको अधिनियम आमतौर पर संगठित अपराध जैसे अवैध सट्टेबाजी, जबरन वसूली या वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में लागू किया जाता है। यदि इस कानून के तहत आरोप सिद्ध हो जाते हैं, तो इसमें जेल की सजा और भारी जुर्माना दोनों का प्रावधान है।

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