अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) पर ट्रम्प प्रशासन की सख्ती नज़र आने लगी है| पिछले 70 सालों से दुनिया भर में इस संस्थान के पदचिन्ह दिखाई दे रहे हैं| अपने सत्ता में आते ही ट्रम्प ने अमेरिका फर्स्ट की घोषणा को रूप देना शुरू कर दिया है, जिसमें यूएसएआईडी पर भी नकेल कसने की बात की जा रही है|
जिस संस्थान में दुनिया भर में विकास के कार्य किये हैं उसे ट्रम्प की सरकार और बाशिंदे एक प्रोपगैंडा बताकर यह कह रहे हैं की इस संस्थान से अमेरिका का प्रभाव दुनिया भर में बढ़ा तो ज़रूर है, लेकिन उससे अमेरिका की समस्याएं भी बढ़ी हैं जिस पर इस संस्थान ने कभी ध्यान नहीं दिया| टेस्ला के मालिक एलोन मस्क का कहना है कि अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) एक अपराधी संस्थान है और अब समय आ गया है कि इसे बंद कर देना चाहिए|
अपने ’एक्स’ हैंडल पर लिखते हुए उन्होंने कहा की उन्होंने राष्ट्रपति से भी इस बारे में बात की है और वो भी इस बात से सहमत हैं| ध्यान देने योग्य है कि इस संस्थान के बंद होने से अफ्रीका, एशिया में चल रहे विकास कार्य बंद होने की संभावना है| हालांकि अमेरिकी सचिव मार्क रुबीओ का कहना है कि संस्थान के बंद होने से उसके काम पर कोई असर नहीं पड़ेगा|
सरकार का उद्देश्य विदेश में चल रहे सुधर कार्यो को बंद करना नहीं बल्कि अपने देश की जनता का टैक्स का पैसा बचाना और देश के विकास में निर्यात करने का है|एलोन मस्क की माने तो डोजे एक व्यापक संस्थान है और देश के हित में काम आने वाली स्कीम और कार्यों पर केंद्रित रहेगी|
अमेरिका में चल रहे मतभेद का असर भारत में भी देखने को मिल रहा है| इस निर्णय से कई कंपनियां और संस्थान चिंता में आ गए हैं क्योंकि यूएसएआईडी से कई राहत केंद्र, सुधार केंद्र, संस्थानें और कंपनियां चल रही थी, जिनकी फंडिंग पर गहरा असर पड़ेगा|
मूलरूप से प्रभावित होने वाले क्षेत्र हैं स्वास्थ्य, शिक्षा, सैनिटेशन, और खाद्य सुरक्षा. औपचारिक रूप से अभी तक इस कदम को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है, न ही अमेरिकी राष्ट्रपति से और ना ही भारतीय अधिकारियों ने इस पर अभी कोई बात स्पष्ट रूप से की है|
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