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Wednesday, December 10, 2025
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डोनाल्ड ट्रंप ने शेयर किया ओबामा की गिरफ्तारी का वीडियो!

बिना डिस्क्लेमर के वीडिओ पर मचा बवाल

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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गए हैं। ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर एक ऐसा वीडियो साझा किया है, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को FBI एजेंट्स द्वारा ओवल ऑफिस में गिरफ्तार करते हुए दिखाया गया है। इस वीडियो को लेकर खासा हंगामा मच गया है क्योंकि यह पूरी तरह से AI यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता से बनाया गया है ।

वीडियो की शुरुआत ओबामा के एक कथन से होती है,जिसमें वह कह रहें है“…राष्ट्रपति कानून से ऊपर नहीं होता।” इसके बाद एक मोंटाज में जो बाइडन सहित कई डेमोक्रेटिक नेताओं के बयान दिखाए जाते हैं जिसमें वे कहते हैं, “कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।” फिर अचानक दृश्य बदलता है और दो FBI एजेंट्स ओबामा को ओवल ऑफिस के अंदर हथकड़ियां पहनाते नजर आते हैं, वहीं पास में डोनाल्ड ट्रंप बैठे हुए मुस्कराते हैं।

वीडियो में इसके बाद ओबामा को जेल की नारंगी कैदी वर्दी में सलाखों के पीछे खड़ा दिखाया गया है। वीडियो को “कोई कानून से ऊपर नहीं” जैसे कैप्शन के साथ पोस्ट किया गया, जो कि डेमोक्रेटिक पार्टी के बयानों का व्यंग्यात्मक जवाब माना जा रहा है। लेकिन यह स्पष्ट किए बिना कि वीडियो एक डीपफेक है, इसे पोस्ट करना ट्रंप की आलोचना का मुख्य कारण बना।

राजनीतिक विश्लेषकों और विपक्षी नेताओं ने ट्रंप के इस पोस्ट को “गैर-जिम्मेदाराना” कहा है। कई लोगों ने यह आशंका जताई कि इस तरह के वीडियो आम जनता को गुमराह कर सकते हैं और गलत सूचनाओं को बढ़ावा दे सकते हैं। इस वीडियो के सामने आने से कुछ ही समय पहले ट्रंप प्रशासन की ओर से तैनात Director of National Intelligence तुलसी गब्बार्ड ने पूर्व ओबामा प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया कि उनके पास ऐसे दस्तावेज़ हैं जो यह सिद्ध करते हैं कि 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद ट्रंप-रूस साजिश का नैरेटिव जानबूझकर गढ़ा गया था।

गब्बार्ड ने कहा कि “पूर्व प्रशासन ने अमेरिकी जनता की इच्छा को दबाने के लिए एक सुनियोजित साजिश रची थी।” हालांकि, Office of the Director of National Intelligence (ODNI) की 114 पेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस की साइबर गतिविधियों का अमेरिकी चुनाव परिणामों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

ट्रंप पहले भी 2016 के चुनावों में ओबामा पर चुनावी धोखाधड़ी के आरोप लगा चुके हैं। अब इस AI वीडियो के जरिए ट्रंप ने ओबामा को एक बार फिर निशाने पर लिया है। आलोचकों का कहना है कि यह वीडियो न सिर्फ भ्रामक है बल्कि यह ट्रंप की ओर से मीडिया का ध्यान भटकाने की रणनीति भी हो सकती है — खासकर जेफरी एपस्टीन मामले की फाइलें सामने आने के बीच।

गौरतलब है कि इसी साल जनवरी में पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर के अंतिम संस्कार में ट्रंप और ओबामा की बातचीत की तस्वीरें वायरल हुई थीं। ट्रंप ने बाद में इसे दो मित्रों की तरह बताकर राजनीतिक तापमान को थोड़ा नरम किया था।

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