पिछले ढाई साल से प्रबल समर्थक रहे उद्धव ठाकरे और शिवसेना के सांसद संजय राउत को पीएमएलए कोर्ट ने जमानत दे दी है| मौजूदा टेस्ट अवधि में संजय राउत की जमानत ठाकरे समूह के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है। संजय राउत इस समय मेल घोटाला मामले में जेल में बंद थे।
वे पिछले कई दिनों से जमानत के लिए प्रयास कर रहे हैं। हालांकि अभी तक पीएमएलए कोर्ट ने उन्हें राहत नहीं दी थी। इसलिए सभी की निगाहें इस बात पर थीं कि आज की सुनवाई में क्या होगा। संजय राउत ने दावा किया था कि जांच प्रणाली के सभी आरोप निराधार हैं| आखिरकार कोर्ट ने आज उन्हें जमानत दे दी।
संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय या ईडी ने अगस्त महीने में पत्र वित्तीय हेराफेरी के मामले में गिरफ्तार किया था। तब से संजय राउत जेल में थे।
महाविकास अघाड़ी सरकार बनने के बाद से पिछले ढाई साल में संजय राउत ने समय-समय पर शिवसेना की पुरजोर वकालत की थी| शिवसेना के एजेंडे को जन-जन तक पहुंचाने का काम संजय राउत कर रहे थे| संजय राउत भाजपा के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार कर लोगों को शिवसेना की औकात समझाने का काम कर रहे थे|
हालांकि, एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद, संजय राउत थोड़े समय के भीतर जेल चले गए, ठाकरे गुट के पास पार्टी के लिए प्रभावी ढंग से वकालत करने के लिए कोई प्रभावी वक्ता नहीं था। हालांकि, अब अगर संजय राउत फिर से जेल से बाहर आते हैं तो भाजपा और शिंदे एक बार फिर नए जोश के साथ गुट पर नकेल कसते नजर आएंगे|
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