केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे और ठाकरे गुट के नेता सांसद संजय राउत के बीच जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है| हमेशा की तरह आज सुबह मीडिया से बातचीत करते हुए संजय राउत ने नारायण राणे को लेकर अपशब्दों का इस्तेमाल किया है|कृपाशंकर सिंह ने संजय राउत से मकर संक्रांति के मौके पर मीठा बोलने की अपील की थी।
राउत ने कहा कि मीठी-मीठी बातें करने के लिए मुझे अपनी ही पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने की जरूरत महसूस नहीं होती। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के दावोस दौरे, मुंबई नगर निगम आयुक्त इकबाल सिंह चहल की ईडी जांच और विधान परिषद चुनाव पर अपने अंदाज में टिप्पणी की|
“दावोस में, दुनिया भर से शासक आते हैं। एग्रीमेंट करके सिर्फ नंबर बताए गए हैं। इतने लाख करोड़ के, इतने लाख करोड़ के समझौते हुए। लेकिन असल में कोई भी यह साबित नहीं कर पाया है कि दावोस में जितने समझौते हुए हैं, उनमें से कितनी कंपनियां देश में आ गई हैं| इसलिए दावोस जाने के बजाय गुजरात जाइए”, सांसद संजय राउत ने सलाह दी।
राउत ने इस बात की भी आलोचना की कि कोरोना काल में लिए गए फैसलों की जांच होगी| उन्होंने कहा, “केंद्रीय जांच एजेंसी और सत्ता हाथ में लेकर झूठे मामले बनाकर मानहानि का अभियान चलाया जा रहा है| उत्तर प्रदेश की तरह मुंबई और महाराष्ट्र ने गंगा में शव नहीं बहाए।
यह मुंबई नगर निगम और प्रशासन की कामयाबी थी। नहीं तो मुंबई की मीठी नदी में भी लाशें तैरती नजर आतीं। कानून के मुताबिक फैसले लिए गए हैं, जिसके हिसाब से तत्काल फैसले की जरूरत थी। मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि बहुत ही पारदर्शी लेनदेन हुए हैं।”