उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव 2022 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों व विभिन्न संगठनों के प्रयासों के बाद भी राजनीतिक दल दागियों का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में भी 22 प्रतिशत दागी उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें प्रमुख राजनीतिक दलों के उम्मीदवार शामिल हैं।17 प्रतिशत के विरुद्ध तो गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। तीसरे चरण में दागियों की संख्या में कोई खास कमी नहीं देखने को मिली है वही 15 प्रतिशत महिला उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रही हैं।
उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच व एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) के विश्लेषण में दागियों की यह तस्वीर सामने आई है। संस्था ने तीसरे चरण में 59 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ रहे 627 उम्मीदवारों में से 623 प्रत्याशियों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया है। एडीआर के प्रदेश संयोजक अनिल शर्मा के अनुसार 623 में से 135 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये है। यानी तीसरे चरण में 22 प्रतिशत उम्मीदवार दागी हैं। इनमें 103 उम्मीदार यानी 17 प्रतिशत ऐसे हैं, जिन पर गंभीर आपराधिक मामले हैं।
दागी उम्मीदवारों में सपा के 58 में से 30 , भाजपा के 55 में से 25 , बसपा के 59 में से 23 , कांग्रेस के 56 में से 20 और आप के 49 में से 11 उम्मीदवारों की ओर से अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषत किये हैं। गंभीर आपराधिक मामलों की बात की जाये तो सपा सबसे आगे है। वही कांग्रेस के प्रत्याशी लुईस खुर्शीद सबसे आगे हैं। उनके विरुद्ध सर्वाधिक 17 मुकदमे हैं।