लखनऊ। यूपी में पंचायत चुनाव में करीब 3 लाख उम्मीदवार निर्विरोध चुने जा चुके हैं. सबसे चौकाने वाली बात यह है कि कई सांसद, विधायक और मंत्रियों के परिवारों के सदस्य प्रधानी तो दूर पंचायत सदस्य का चुनाव तक नहीं जीत सके. वहीं बताया जा रहा है कि करीब 70 फीसदी पंचायत सदस्य की सीटों पर बीजेपी का कब्जा हो सकता है। हालांकि सोमवार शाम तक वोटों की गिनती पूरा होने की संभावना है. नेताओं और विधायकों के रिश्तेदारों के चुनाव हारने की खबर काफी तेजी के साथ वायरल हो रही है.
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रमापति शास्त्री के भतीजे आशीष नवाबगंज ब्लॉक के विश्नोहरपुर से प्रधानी के उम्मीदवार थे. लेकिन आशीष को प्रधानी पद पर करारी हार का सामना करना पड़ा। उनके विरोधी उम्मीदवार ने उन्हें 201 वोटों से हरा दिया. इस तरह से मंत्री जी के भतीजे प्रधानी का चुनाव भी नहीं जीत सके.वहीं बस्ती के हरैया विधानसभा से बीजेपी विधायक अजय सिंह की सगी भाभी कविता सिंह को क्षेत्र पंचायत सदस्य के चुनाव में हार गई है। यूपी पंचायत चुनाव के वोटों की गिनती रविवार से ही जारी है.
आज शाम तक सभी सीटों के फैसले का अनुमान है. शुरुआती रुझानों के मुताबिक दावा किया जा रहा है कि करीब 70 फीसदी पंचात सदस्य की सीटें बीजेपी के पाले में जा सकती हैं. आज सभी सीटों पर रिजल्ट जारी होने के बाद ही स्थिति पूरी तरह से साफ हो सकेगी.बीजेपी की तरफ से 3052 सीटों पर उम्मीदवार उतारे गए थे. इन सभी उम्मीदवार पार्टी की जगह चुनाव आयोग के चिन्ह पर पंचायत चुनाव लड़ा. राज्य चुनाव आयोग ने करीब तीन लाख उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया है.चुनाव आयोग के मुताबिक रविवार रात साढ़े आठ बजे तक विभिन्न पदों के लिए 1,64,680 उम्मीदवारों को निर्वाचित घोषित कर दिया गया.