तिरुपति के लड्डू प्रसाद के घी में जानवरों की चर्बी, फिश ऑयल, सुवर की चर्बी जैसे चीजों की मिलावट और अशुद्धता रिपोर्ट के बाद लोगों में विशेषतः हिंदू समाज में चिंता का माहौल है। लोगों को रेस्तरां और ढाबे पर घी से बने पकवानों को छूने से इनकार करना शुरु किया है। दरम्यान योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने फरमान जारी कर खाने-पीने की वस्तुओं में मिलावट पाए जाने पर रेस्टोरेंट व ढाबा संचालकों के खिलाफ कड़ी कारवाई के निर्देश दिए है।
वहीं कुछ दिनों से खाने-पीने की चीजों में असामाजिक तत्वों द्वारा अपशिष्ट मिलाने की घटनओं से भी माहौल बिगड़ा है।खाने-पीने की वस्तुओं में मिलावट को लेकर मुख्यमंत्री ने मंगलवार (23 सितंबर) को महत्वपूर्ण बैठक इस दौरान उन्होंने कई दिशा-निर्देश दिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में अपशिष्ट मिलाने को वीभत्स कहा है। ऐसे में ढाबा-रेस्तरां जैसे खान पान केंद्रों की जांच करने के आदेश दिए है। साथ ही इनमें काम करने वाले हर व्यक्ति का पुलिस वेरिफिकेश भी जरुरी होगा।
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इसी के साथ खान-पैन सामग्री में शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियमों में आवश्यक संशोधन करने के आदेश दिए है। निर्देशों के अनुसार, खान-पान केंद्रों पर संचालक/प्रोपराइटर, मैनेजर, मालिक आदी का नाम डिस्प्ले पर लगाना होगा। साथ ही केंद्रों पर वेटर, शेफ या बावर्ची सभी को मास्क और ग्लव्स पहनना अनिवार्य होगा। किसी सामग्री में अपशिष्ट की मिलावट का मामला सामने आते ही संचालक/प्रोपराइटर पर कठोरतम कारवाई होगी।
खान-पान केंद्रों पर सीसीटीवी लगाना अनिवार्य होगा। यह सीसीटीवी न केवल लोगों के बैठने के स्थानों पर बल्कि केंद्र के अन्य सभी हिस्सों में भी लगने चाहिए, साथ ही फुटेज को सुरक्षित रखने की जिम्मेवारी संचालक/प्रोपराइटर की होगी आवश्यकता पड़ने पर उसे पुलिस को देना होगा।