उत्तराखंड: उत्तरकाशी के हर्षिल में पीएम मोदी ने मां गंगा की पूजा-अर्चना की!

यह दौरा उत्तराखंड की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को मजबूत करने और मुखवा को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने में सहायक होगा।

उत्तराखंड: उत्तरकाशी के हर्षिल में पीएम मोदी ने मां गंगा की पूजा-अर्चना की!

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को उत्तरकाशी जिले के मुखवा गांव स्थित मुखीमठ मंदिर में पूजा-अर्चना की। यह मंदिर गंगा नदी का शीतकालीन निवास माना जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर में पूजा-अर्चना कर मां गंगा का आशीर्वाद लिया। उनके स्वागत के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे।

गंगोत्री मंदिर में विराजित देवी गंगा की मूर्ति को हर साल दिवाली के दिन मुखवा के मुखीमठ मंदिर में लाया जाता है, क्योंकि सर्दियों में भारी बर्फबारी और ठंड के कारण गंगोत्री मंदिर बंद हो जाता है। यहां छह महीने तक मां गंगा की पूजा होती है और गर्मियों में मंदिर खुलने पर मूर्ति को भव्य जुलूस के साथ पुनः गंगोत्री मंदिर में स्थापित किया जाता है।

प्रधानमंत्री मोदी के देहरादून के जॉलीग्रांट हवाई अड्डे पर पहुंचने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनका स्वागत किया।

सीएम धामी ने ट्वीट कर कहा, “मुखवा (उत्तरकाशी) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन। हर्षिल-मुखवा की पवित्र धरती पर उनका आगमन ऐतिहासिक क्षण है।” उन्होंने आगे कहा कि यह दौरा उत्तराखंड की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को मजबूत करने और मुखवा को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने में सहायक होगा।

पीएम मोदी ने अपनी यात्रा से पहले सोशल मीडिया पर लिखा, “उत्तराखंड सरकार ने इस वर्ष शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू किया है, जिससे धार्मिक पर्यटन और स्थानीय व्यवसायों को लाभ मिल रहा है। मैं पतित पावनी मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा के दर्शन के लिए उत्साहित हूं। यह स्थान अपने आध्यात्मिक महत्व और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।”

इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने उत्तराखंड में दो प्रमुख रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दी।

12.9 किलोमीटर लंबा सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे 4,081.28 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा, जबकि 12.4 किलोमीटर लंबा गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे 2,730.13 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगा। ये परियोजनाएं तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेंगी और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देंगी।

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