बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर भड़की हिंसा !

...पुलिस की झड़प के बाद करीब 1000 लोग घायल होकर अस्पताल में भर्ती हुए है। कइयों को रबर की गोलियां लगी है। घायलों में कइयों की हालात नाजुक़ बताए जा रहें है।

बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर भड़की हिंसा !

Violence increased over reservation issue in Bangladesh!

बांग्लादेश में इन दिनों आरक्षण के खिलाफ छात्र संघटनों की तरफ से बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जा रहा है। बांग्लादेश सरकार के आरक्षण मुद्दे पर टालमटोल से आंदोलन ने हिंसा का स्वरुप लिया। लगातार पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच हिंसक झड़प की खबरें सामने आ रहीं थी। आंदोलन के दरम्यान हिंसा ने अब भीषण रूप धारण कर लिया है।

बताया जा रहा है की ढाका में ही अब तक करीब 32 आंदोलनकारी छात्रों की मौत हो चुकी है। ढाका के उत्तरा क्रेसेंट अस्पताल के अधिकारियों ने अपने एफएफपी को दिए विवरण में बताया है की, अस्पताल में लाए गए आंदोलनकारियों मे सात की मौत हो चुकी थी। पहले दो रबर की गोलियों से घायल हुए थे और बाकी पांच को गोलियों से भून दिया गया था। आंदोलनकारी और पुलिस की झड़प के बाद करीब 1000 लोग घायल होकर अस्पताल में भर्ती हुए है। कइयों को रबर की गोलियां लगी है। घायलों में कइयों की हालात नाजुक़ बताए जा रहें है।

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हिंसा के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना सामने आयी है। मीडिया के माध्यम से आंदोलनकारियों के साथ हुई हिंसक झड़प और मौत की घटनाओं की कड़े शब्दों में निंन्दा की है। उन्होंने कहा है की आंदोलनकारी और पुलिस के बीच झड़प में जो लोग जिम्मेदार है उन्हें उनके राजनीतिक संबंध और पहुंच को नजरअंदाज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी । इसी के साथ शेख हसींना ने हिंसा और झड़प को शांत करने की अपील की है।

गुरुवार (18 जुलाई ) के दिन इस हिंसा ने भीषण रूप ले लिया था। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने आंदोलनकारियों पर रबर की गोलियां चलाई थी। गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर हमला बोल दिया। नतीजन पुलिस को भागना पड़ा, जिसके बाद पुलिस ने बीटिवी प्रसार केंद्र में शरण ली। भीड़ ने प्रसारक केंद्र के बहार गाड़ियां और प्रसारक की संपत्ति को आग के हवाले कर दी। इससे राजधानी ढाका में चारों तरफ दंगे और आगजनी बढ़ गयी। आखिरकार सरकार ने इलाके के मोबाइल और इंटरनेट सेवा बंद कर हालात को काबू में लाने की कोशिश की।

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