नारायण राणे और संजय राउत के बीच जारी जुबानी जंग

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दावोस के दौरे पर।

नारायण राणे और संजय राउत के बीच जारी जुबानी जंग

केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता नारायण राणे और ठाकरे गुट के नेता सांसद संजय राउत के बीच जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। हमेशा की तरह आज सुबह मीडिया से बातचीत करते हुए संजय राउत ने नारायण राणे को लेकर अपशब्दों का इस्तेमाल किया है। साथ ही कृपाशंकर सिंह ने संजय राउत से मकर संक्रांति के मौके पर मीठा बोलने की अपील की थी। राउत ने कहा कि मीठी-मीठी बातें करने के लिए मुझे अपनी ही पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने की जरूरत महसूस नहीं होती। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के दावोस दौरे, मुंबई नगर निगम आयुक्त इकबाल सिंह चहल की ईडी जांच और विधान परिषद चुनाव पर अपने अंदाज में टिप्पणी की।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दावोस के दौरे पर गए हैं। हालांकि, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दौरे पर नहीं गए। इस बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा कि हम नहीं जानते कि दावोस से क्या आएगा? लेकिन इंडस्ट्री जो आपकी नाक से छीन ली गई। इसे पहले वापस लाओ। मिहान और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों जैसे एयरबस, वेदांता फॉक्सकॉन से 2 लाख करोड़ सेअधिक का निवेश गुजरात और अन्य राज्यों में गया है। यदि आप उन्हें पहले लाते हैं तो दावोस जाना समझ में आता है।

दावोस में दुनिया भर से शासक आते हैं। हालांकि एग्रीमेंट के सिर्फ नंबर बताए गए हैं। इतने लाख करोड़ के समझौते हुए। लेकिन असल में कोई भी यह साबित नहीं कर पाया है कि दावोस में जितने समझौते हुए हैं, उनमें से कितनी कंपनियां देश में आ गई हैं। लेकिन हमारी आंखों के सामने राज्य में एयरबस, वेदांता फॉक्सकॉन, ड्रग्स पार्क जैसे कई प्रोजेक्ट आ रहे थे। लेकिन कोई उन्हें खींच कर ले गया। इसलिए दावोस जाने के बजाय गुजरात जाइए” ,सांसद संजय राउत ने सलाह दी।

राउत ने इस बात की भी आलोचना की कि कोरोना काल में लिए गए फैसलों की जांच होगी। उन्होंने कहा, “केंद्रीय जांच एजेंसी और सत्ता हाथ में लेकर झूठे मामले बनाकर मानहानि का अभियान चलाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश की तरह मुंबई और महाराष्ट्र ने गंगा में शव नहीं बहाए। हम सभी का इलाज करने, जान बचाने में सक्षम थे। यह उद्धव ठाकरे के फैसले की सफलता थी। यह मुंबई नगर निगम और प्रशासन की कामयाबी थी। नहीं तो मुंबई की मीठी नदी में भी लाशें तैरती नजर आतीं। कानून के मुताबिक फैसले लिए गए हैं जिसके हिसाब से तत्काल फैसले की जरूरत थी।

उन्होंने कहा कि जब डॉक्टर और नर्स भाग रहे थे तो उन्हें मनाना एक मुश्किल काम था। दुनिया ने उत्तर प्रदेश की नदियों में लाशों को बहते देखा। राउत ने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे ने जिस तरह से काम किया उसके लिए बीजेपी को उनका शुक्रिया अदा करना चाहिए। वहीं वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार पूरी न्यायपालिका को अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रही है। इससे पहले सरकार ने तमाम सरकारी तंत्रों को अपने कब्जे में ले लिया है। संजय राउत ने आरोप लगाया कि अब न्याय व्यवस्था पर कुठाराघात करने का काम सरकार कर रही है।

ये भी देखें 

​पहले विरोध​: ​अब ​राज ठाकरे का अयोध्या में स्वागत है​ – भाजपा सांसद

Exit mobile version