राजनीति दल सवाल पूछते रहते है कि आखिर बीजेपी मुस्लिमों चुनावों में टिकट क्यों नहीं देती है। बंगाल में इस बार निकाय चुनाव में बीजेपी ने बड़ा खेल करते हुए 650 अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है। बता दें कि बंगाल में ममता बनर्जी मुस्लिम वोटों के सहारे सत्ता में बनी हुई हैं। इस बार बीजेपी ने भी मुस्लिमों को पंचायत चुनाव में उतारा है।
गौरतलब है कि बीजेपी ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 650 मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा है। बीजेपी का दावा है आने वाले समय में यह संख्या ज्यादा हो सकती थी लेकिन टीएमसी कार्यकर्ताओं की डर से कई लोग चुनाव लड़ना चाहते थे। मगर नहीं लड़े। इसमें युवा और महिलाओं की संख्या ज्यादा है। बीजेपी इस पर ख़ुशी जाहिर की है। अल्पसंख्यक मोर्चा के चार्ल्स नंदी ने कहा कि बीजेपी से अल्पसंख्यक समुदाय छिटका नहीं है। यह हमारे लिए अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि आगामी 2024 लोकसभा के चुनाव में यह संख्या और बढ़ सकती है।
उन्होंने बताया कि बीजेपी के बारे जो लोगों में डर था वह अब खत्म हो रहा है। उनका कहना है कि अब अल्पसंख़्यकों को ज्यादा दिन तक गुमराह नहीं किया जा सकता है। बीजेपी के अनुसार मुर्दिशाबाद में पार्टी के अल्पसंख्यक उम्मीदवार ज्यादा है। इस बार के पंचायत चुनाव में बीजेपी ने 64 प्रतिशत अल्पसंख्यक उम्मीदवार उतार रखी है। जबकि 2018 के पंचायत चुनाव में 46 प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदाय को टिकट दिया गया था। बता दें कि अभिनेता से नेता बने मिथुन चक्रवर्ती ने पार्टी से मुस्लिमों को जोड़ने की वकालत की थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश और गुजरात का उदाहरण देकर कहा था कि इन राज्यों बीजेपी इसलिए जीत दर्ज की मुस्लिम वोट भी मिले।
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