जब सीएम अशोक गहलोत के सामने ही भिड़े दो मंत्री ….  

जब सीएम अशोक गहलोत के सामने ही भिड़े दो मंत्री ….  

नई दिल्ली। कांग्रेस अपने अंदरूनी कलह से जूझ रही है। पंजाब,राजस्थान हो या केरल सभी जगह पर नेताओं के आपसी खींचतान की वजह से  प्रादेशिक संगठन कमजोर हो चुके हैं। हर बात के लिए दिल्ली की ओर देखने और रिपोर्ट करने की वजह से कई राज्यों में कांग्रेस अब केवल नाम भर ही बची है। अब पंजाब के बाद राजस्थान में  सीएम के सामने ही दो नेता आपस में भिड़ गए और सीएम अशोक गहलोत बस देखते रहे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार रात कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। जिसमें शांति धारीवाल और राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी शामिल हुए थे। दोनों एक मुद्दे को लेकर आपस में ऐसे उलझे की बैठक से निकलने पर दोबारा बीच बहस हाथापाई तक आ गई।

बता दें कि इससे पहले भी दोनों नेता आपस में उलझ चुके हैं। 2020 में शहरी निकाय चुनाव के लिए टिकट बंटवारे के दौरान जमकर विवाद हुआ था। उस समय भी मौके पर सीएम अशोक गहलोत मौजूद थे।   ख़बरों के अनुसार, यह बैठक सीएम आवास पर आयोजित की गई थी। इस दौरान गोविंद सिंह डोटासरा ने सभी जिला कलेक्टरों को ज्ञापन देने को कहा, जिसका शांति धारीवाल ने विरोध किया। शांति धारीवाल का कहना था कि ज्ञापन राष्ट्रपति को भेजा जाना चाहिए, कलेक्टर को देने से क्या होगा। इस पर डोटासरा ने कहा कि राष्ट्रपति को देकर भी क्या कर लोगे। दोनों नेताओं के बीच हुई इस बहस को सीएम गहलोत भी देखते रह गए।
बैठक के दौरान खुद मुख्यमंत्री गहलोत ने दोनों नेताओं को शांत रहने को कहा। लेकिन दोनों शांत होने के बजाय बहस करते रहे। बैठक में शुरू हुआ विवाद खत्म होने के बाद बैठक से बाहर निकलने पर एक बार फिर दोनों मंत्री खुलेआम आपस में भिड़ गए। खबरों के मुताबिक, साथी मंत्रियों ने बीच-बचाव किया नहीं तो उनमें हाथापाई तक की नौबत आ गई थी। बैठक खत्म होने के बाद धारीवाल ने डोटासरा से कहा कि वह उनके आदेश को मानने के लिए बाध्य नहीं हैं। इस पर डोटासरा ने कहा कि वह जब तक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं, उनके आदेश मानने पड़ेंगे। डोटासरा ने यह भी कहा कि वह इस मामले की पूरी रिपोर्ट सोनिया गांधी को देंगे।
बता दे कि पंजाब कांग्रेस में  सीएम अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू में खींचतान चल रही है। जिसे सुलझाने के लिए कोशिश की जा रही है लेकिन दोनों नेताओं के अड़ियल रवैये मामला सुलझने के बजाय उलझ रहा है। वहीं केरल में भी नेताओं में कलह तेज हो चुकी है। संभावना है जताई जा रही है कि कांग्रेस के कुछ नेता एनसीपी में शामिल होंगे। बता दें कि हाल ही में एनसीपी द्वारा पीसी चाको को केरल का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

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