SC​: मूल शिवसेना कौन? अगली सुनवाई 8 अगस्त

उद्धव ठाकरे के वकीलों ने बार-बार तर्क दिया कि विद्रोहियों के पास दूसरी पार्टी में विलय के अलावा कोई विकल्प नहीं था​, जबकि शिंदे समूह ने बार-बार दावा किया कि वे अभी भी पार्टी में हैं और उन्होंने सदस्यता नहीं छोड़ी है।

SC​: मूल शिवसेना कौन? अगली सुनवाई 8 अगस्त
राज्य​ में सियासी घमासान सत्ता गलियारे से अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है| इसी को लेकर सभी का ध्यान अबकोर्ट के नतीजे पर​ टीका हुआ है| उद्धव ठाकरे और शिंदे समूह ने आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान बहस हुई​​। उद्धव ठाकरे के वकीलों ने बार-बार तर्क दिया कि विद्रोहियों के पास दूसरी पार्टी में विलय के अलावा कोई विकल्प नहीं था​, जबकि शिंदे समूह ने बार-बार दावा किया कि वे अभी भी पार्टी में हैं और उन्होंने सदस्यता नहीं छोड़ी है।
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे समूह के वकील हरीश साल्वे को एक लिखित ​रूप पूरा विवरण ​ तैयार करने के लिए कहा और स्पष्ट किया कि वह कल यानि गुरुवार को सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश एन. वी न्यायमूर्ति रमना, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष सुनवाई हुई।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री शिंदे को मूल शिवसेना कौन है, यह निर्धारित करने के लिए साक्ष्य दाखिल करने के लिए 8 अगस्त की समय सीमा दी है। मुख्य न्यायाधीश से पिछले सप्ताह उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने का अनुरोध किया गया था। इस याचिका को अन्य याचिकाओं के साथ सुनवाई के लिए भी लिया गया था।
मुख्यमंत्री शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट में ​​स्टैंड लिया है कि शिंदे समूह का दावा है कि उन्होंने शिवसेना नहीं छोड़ी है और 15 विधायकों का एक समूह 40 विधायकों को अयोग्य घोषित नहीं कर सकता है। ​वही, ​शिवसेना मांग कर रही है कि शिंदे के विधायकों को संविधान की दसवीं अनुसूची के अनुसार अन्य दलों के साथ विलय नहीं करने के लिए अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए।
 
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