भारत जोड़ो यात्रा तीन जनवरी 2023 में उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी। राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा मात्र तीन जिलों से होकर गुजरेगी। जबकि, राज्य में 75 जिले हैं। ऐसे में लोग कांग्रेस के रणनीतिकारों पर एक बार फिर सवाल खड़े होने लगे हैं। हालांकि, अभी कांग्रेस नेता राज्य में तैयारियों में जुटे हुए हैं। देखना होगा कि क्या कांग्रेस तीन जिलों के बजाय अन्य जिलों पर ध्यान देती है की नहीं। वहीं, एक और सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी को भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का न्योता दिया गया है। लेकिन इन पार्टियों ने इस यात्रा में शामिल होने के लिए हामी नहीं भरी हैं।
सपा अपना नफा नुकसान देख रही: सपा की ओर से कहा जा रहा है कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा समय की जरूरत थी और यह यात्रा सही समय पर निकाली जा रही है। लेकिन समाजवादी पार्टी इसमें शामिल नहीं होगी। क्योंकि आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस यह यात्रा निकाल रही है। अगर समाजवादी पार्टी इस यात्रा में शामिल होती है तो उसे कोई फ़ायदा नहीं होगा। दूसरी ओर बहुजन समाजवादी पार्टी की भी इसमें शामिल होने की गुंजाइश कम ही दिखाई दे रही है।
यूपी में बीजेपी की सत्ता: बताया जा रहा है कि दोनों पार्टियां वैचारिक रूप से समान हैं, लेकिन वे अपना नफा नुकसान देख रही हैं। समाजवादी पार्टी की बात करें तो 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और अखिलेश की पार्टी साथ चुनाव् लड़ी थी। यूपी में बीजेपी की सत्ता: जिसमें सपा ने इस चुनाव में कांग्रेस को सौ सीटें दी थी जिसमें मात्र काँग्रेस सात सीट ही जीत पाई थी। जबकि समाजवादी पार्टी ने 50 सीट ही जीती थी। दोनों दल बीजेपी के घोर विरोधी हैं। वर्तमान यूपी में बीजेपी की सत्ता है। 2022 के चुनाव सपा और कांग्रेस करारी हार झेलनी पड़ी थी। फिलहाल यूपी में कांग्रेस सिर्फ दो सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई है। हालांकि सपा के गठबंधन ने 2022 के विधानसभा चुनाव में 125 सीटें जीती थी। वहीं अकेले 111 सीटें जीती है।
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