मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले स्थित बागेश्वर धाम में चल रहे नवकुंडीय अन्नपूर्णा महायज्ञ का रविवार को समापन हुआ। वहीं इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने ईसाई धर्म अपना चुके करीब 220 लोगों की सनातन धर्म में वापसी कराई। इस दौरान शास्त्री ने आशीर्वाद स्वरूप सभी को पीली पट्टिका पहनाई और माथे पर तिलक लगाया। हिंदू जागरण मंच के लोग इन लोगों को बागेश्वर धाम लेकर पहुंचे थे।
वहीं ईसाई से हिंदू धर्म ने वापसी करने वालों ने बताया कि वह मिशनरी के लालच और प्रलोभन में ईसाई बन गए थे। लेकिन मिशनरियों ने घर देने का जो वादा किया था, उसे उन्होंने पूरा नहीं किया। अब वह सनातन धर्म में वापस अपनी मर्जी से आए हैं। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस अवसर सभी को संबोधित करते हुए कहा, भूल सबसे होती है। आप लोगों से यही प्रार्थना है कि शनिवार-मंगलवार हनुमान मंदिर जाना शुरू करें। उन्होंने कहा कि हम किसी भी पंथ के विरोधी नहीं, लेकिन सनातन धर्म से कट्टर हैं। उन्होंने फिर कहा कि विश्व में केवल एक ही धर्म है और वह है सनातन धर्म, बाकी सब पंथ हैं।
बता दें कि लेकिन इस मौके पर देशभर से आए संतों, हजारों भक्तों और मीडिया के सामने मंच पर दो सौ से ज्यादा लोगों की घर वापसी करा कर धीरेंद्र शास्त्री ने अपना संदेश और साफ कर दिया कि वो यहीं नहीं रुकने वाले हैं। संतों के साथ धीरेंद्र शास्त्री ने रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की मांग उठाई है। जिसकी एक चौपाई पर पिछले दिनों तमाम विवाद खड़े हुए थे। यही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि आशीर्वाद के अलावा कोई भी राजनीतिक पार्टी हमसे अपेक्षा मत करना।
वहीं इससे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को बागेश्वर धाम में धार्मिक गुरु धीरेंद्र शास्त्री द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में 125 जोड़ों को आशीर्वाद दिया। धीरेंद्र शास्त्री भारत को हिंदू राष्ट्र में बदलने के वास्ते प्रार्थना करने के लिए एक ‘यज्ञ’ भी आयोजित किया। महाशिवरात्रि के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए थे।
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