चैत्र नवरात्रि केवल आध्यात्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि यह हमारे शरीर और मन की शुद्धि का भी अवसर होता है। इन नौ दिनों में देवी दुर्गा की उपासना के साथ-साथ कई लोग उपवास भी रखते हैं। उपवास के दौरान सही आहार का चयन करना बेहद जरूरी है ताकि शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिले और कमजोरी महसूस न हो। अगर खानपान का सही ध्यान न रखा जाए, तो थकान, कमजोरी और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि उपवास में ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाए, जो न केवल पचने में आसान हों बल्कि ऊर्जा भी प्रदान करें।
1. साबुदाना और समा के चावल – हल्के, पौष्टिक और फुल एनर्जी देने वाले अनाज
उपवास के दौरान साबुदाना और समा के चावल को काफी पसंद किया जाता है, क्योंकि ये हल्के होते हैं और शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। साबुदाना में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, जो लंबे समय तक शरीर को एक्टिव रखता है। साबुदाना खिचड़ी या साबुदाना खीर बनाकर इसका सेवन किया जा सकता है। समा के चावल भी व्रत में एक अच्छा विकल्प हैं, जिनसे खिचड़ी, डोसा या इडली बनाई जा सकती है। यह पेट को ज्यादा देर तक भरा रखने में मदद करता है, जिससे दिनभर उपवास आसानी से रखा जा सकता है।
2. मखाना और ड्राई फ्रूट्स – इंस्टेंट एनर्जी बूस्टर:
मखाने को व्रत का सुपरफूड माना जाता है क्योंकि इसमें प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स की अच्छी मात्रा होती है। इसे हल्का भूनकर नमक डालकर खाया जा सकता है या दूध में मिलाकर मखाना खीर तैयार की जा सकती है। ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम, अखरोट, काजू, किशमिश और खजूर शरीर को प्राकृतिक रूप से ऊर्जा देने का काम करते हैं। खजूर खासतौर पर आयरन से भरपूर होता है, जो कमजोरी और चक्कर आने की समस्या को दूर करने में सहायक होता है।
3. सिंघाड़े और कुट्टू के आटे से बनी रोटियां और पराठे:
व्रत के दौरान गेहूं और मैदे का सेवन नहीं किया जाता, इसलिए सिंघाड़े और कुट्टू के आटे से बनी रोटियां, पराठे और पूरी एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं। ये दोनों आटे फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होते हैं, जो पाचन क्रिया को ठीक रखते हैं और लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करते हैं। इनसे बने पराठे या पूरी को कम तेल में पकाकर खाने से पेट हल्का महसूस होगा और दिनभर सक्रिय रहने में मदद मिलेगी।
4. दूध, दही और पनीर – हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाले डेयरी प्रोडक्ट्स:
डेयरी उत्पाद व्रत में सबसे बेहतरीन स्रोत होते हैं, जो शरीर को कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन डी प्रदान करते हैं। दूध पीने से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है, जबकि दही पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में मदद करता है। पनीर में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है, जो मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने में सहायक होता है। व्रत के दौरान दूध से बने शेक या लस्सी का सेवन किया जा सकता है, जिससे शरीर को तरोताजा महसूस होगा।
5. फल और नारियल पानी – शरीर को हाइड्रेट रखने वाले प्राकृतिक स्रोत:
व्रत के दौरान शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी और हाइड्रेटिंग फूड्स का सेवन करना जरूरी होता है। नारियल पानी शरीर को ताजगी देता है और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। फलों में केला, सेब, संतरा, पपीता और अनार का सेवन किया जा सकता है, क्योंकि इनमें आवश्यक विटामिन और मिनरल्स होते हैं, जो शरीर को ऊर्जावान बनाए रखते हैं।
6. गुड़ और शहद – प्राकृतिक रूप से मीठा और पौष्टिक विकल्प:
व्रत के दौरान अधिकतर लोग मीठे के रूप में चीनी का सेवन करते हैं, लेकिन सफेद चीनी की बजाय गुड़ या शहद का उपयोग करना ज्यादा फायदेमंद होता है। गुड़ शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ाने में सहायक होता है और थकान दूर करता है, जबकि शहद एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है। व्रत में चाय या शेक में चीनी की जगह शहद मिलाने से यह सेहतमंद बन जाता है।
7. राजगिरा (अमरंथ) – प्रोटीन से भरपूर सुपरफूड:
राजगिरा एक ऐसा सुपरफूड है, जो व्रत में प्रोटीन और मिनरल्स का अच्छा स्रोत माना जाता है। इससे पराठा, हलवा या लड्डू बनाए जा सकते हैं। यह पचने में हल्का होता है और मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने में सहायक होता है। व्रत के दौरान इसे किसी भी रूप में शामिल किया जाए, तो यह शरीर को पर्याप्त पोषण देने में मदद करेगा।
उपवास के दौरान किन चीजों से बचना चाहिए?
व्रत में शरीर को हल्का और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए तले-भुने और अधिक मसालेदार भोजन से परहेज करना चाहिए। ज्यादा तेल और मसालों वाले भोजन से एसिडिटी और भारीपन की समस्या हो सकती है, जिससे थकान और सुस्ती महसूस हो सकती है। चाय और कॉफी का अत्यधिक सेवन शरीर में डिहाइड्रेशन पैदा कर सकता है। इसलिए व्रत के दौरान हर्बल टी, नारियल पानी या छाछ जैसे हाइड्रेटिंग ड्रिंक्स को प्राथमिकता दें।
व्रत में लंबी अवधि तक खाली पेट रहने से शुगर लेवल कम हो सकता है, जिससे चक्कर आना और कमजोरी महसूस हो सकती है। इसलिए हर 2-3 घंटे में कुछ हल्का और पौष्टिक खाते रहना चाहिए, ताकि शरीर को निरंतर ऊर्जा मिलती रहे।
चैत्र नवरात्रि का उपवास न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा होता है, बल्कि यह शरीर के लिए भी फायदेमंद होता है। यह प्राकृतिक रूप से शरीर को डिटॉक्स करने का एक प्रभावी तरीका है। सही आहार लेने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है, पाचन तंत्र मजबूत होता है और मानसिक शांति मिलती है। इसके अलावा, उपवास के दौरान हल्का भोजन लेने से वजन को नियंत्रित रखने में भी मदद मिलती है।
चैत्र नवरात्रि के दौरान उपवास करना आध्यात्मिक और स्वास्थ्य दोनों के लिहाज से लाभकारी होता है। सही आहार लेने से न केवल शरीर को आवश्यक पोषण मिलता है, बल्कि ऊर्जा भी बनी रहती है। यदि व्रत में संतुलित और हेल्दी डाइट का पालन किया जाए, तो यह एक बेहतरीन डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया बन सकती है। इस नवरात्रि पौष्टिक और स्वस्थ खाद्य पदार्थों को अपनाकर अपने उपवास को और अधिक लाभकारी बनाएं।
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