‘एम्पुरान’ पर विवाद जारी, 24 कट के बावजूद ‘ऑर्गेनाइजर’ ने उठाए सवाल

लेख के अंत में केरल के समाज से आग्रह किया गया कि वह ‘एम्पुरान’ के निर्माताओं के “एजेंडे” की जांच करे।

‘एम्पुरान’ पर विवाद जारी, 24 कट के बावजूद ‘ऑर्गेनाइजर’ ने उठाए सवाल

Controversy over 'Empuran' continues, 'Organizer' raises questions despite 24 cuts

अभिनेता मोहनलाल और पृथ्वीराज सुकुमारन की फिल्म ‘एम्पुरान’ को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। फिल्म में 24 कट लगाने और कई बदलाव करने के बावजूद आरएसएस के मुखपत्र ‘ऑर्गेनाइजर’ ने इसके निर्माताओं पर सवाल खड़े किए हैं।

फिल्म के खिलाफ पहले से ही विरोध जारी था, जिसके चलते निर्माताओं ने इसमें बदलाव करने का फैसला लिया। संपादित संस्करण 3 अप्रैल से सिनेमाघरों में प्रदर्शित किया जाएगा। हालांकि, ‘ऑर्गेनाइजर’ ने एक लेख में दावा किया है कि कट और बदलाव के बावजूद फिल्म में “हिंदू विरोधी भावनाएं” बनी हुई हैं।

फिल्म की कहानी मुख्य रूप से मसूद सईद (पृथ्वीराज) पर केंद्रित है, जो गुजरात दंगों में अपने परिवार को खोने के बाद हिंदुओं से बदला लेने के लिए आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) में शामिल हो जाता है। इसमें इस्लामी आतंकियों को सहानुभूतिपूर्ण तरीके से दिखाया गया है और एक दृश्य में एक युवक को भारत के खिलाफ हथियार उठाने के लिए प्रेरित किया जाता है।

लेख में यह भी आरोप लगाया गया कि विरोध केवल गुजरात दंगों को फिल्म से हटाने के लिए नहीं था, बल्कि इसमें गोधरा ट्रेन जलाने जैसे संदर्भों को शामिल करने की भी मांग थी। हालांकि, फिल्म में केवल समय बदलकर “2002 से कुछ साल पहले” कर दिया गया है, लेकिन कथा की मूल भावना वही बनी हुई है, जिसमें हिंदुओं को नकारात्मक रूप में दिखाया गया है।

‘ऑर्गेनाइजर’ ने फिल्म के निर्देशक पृथ्वीराज सुकुमारन और पटकथा लेखक मुरली गोपी से कई तीखे सवाल किए हैं। लेख में पूछा गया कि क्या फिल्म की मूल स्क्रिप्ट में कुछ विवादास्पद तत्व थे जिन्हें बाद में हटा दिया गया? क्या सेंसर बोर्ड ने राष्ट्रगान से संबंधित कुछ दृश्य हटाए? क्या फिल्म के निर्माण में भारत और विदेश में सक्रिय कुछ राष्ट्र-विरोधी ताकतों की भूमिका रही? क्या पृथ्वीराज के खाड़ी देशों से कोई वित्तीय संबंध हैं?

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लेख के अंत में केरल के समाज से आग्रह किया गया कि वह ‘एम्पुरान’ के निर्माताओं के “एजेंडे” की जांच करे। इसमें कहा गया कि फिल्में केवल मनोरंजन के लिए होनी चाहिए, न कि किसी विशेष एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए। लेख में पृथ्वीराज और मुरली गोपी से मांग की गई कि वे कलात्मक स्वतंत्रता की आड़ में सांप्रदायिक विभाजन और राष्ट्र-विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने के लिए माफी मांगें।

गौरतलब है कि ‘एम्पुरान’ 27 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी, जिसके बाद से यह लगातार विवादों में बनी हुई है।

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