औरंगाबाद। औरंगाबाद में देश का सबसे बड़ा शिवलिंग तैयार हो रहा है। औरंगाबाद के वेरुल में स्थित श्री विश्वकर्मा तीर्थ धाम परिसर में बन रहे शिवलिंग एलोरा की गुफाओं के पास है। मंदिर के गर्भ स्थान में देश के 12 ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृतियाँ स्थापित की जाएंगी। इन प्रतिकृतियों का निर्माण मध्य प्रदेश के उज्जैन में हो रहा है। इसके लिए विशेष तैयारी की जा रही है।
वेरूल के श्री विश्वकर्मा तीर्थधाम परिसर में करीब 28 सालों से यह काम शुरू है। 1995 में इस मंदिर के निर्माण की शुरुआत हुई। पहले 108 फुट के शिवलिंग के निर्माण की योजना थी ,लेकिन जरुरी निधि नहीं जुटाई जा सकी तो 1999 में मंदिर निर्माण का काम बंद कर दिया गया। पिछले साल फिर से मंदिर के काम को गति मिली है। अब मंदिर निर्माण का यह काम आखिरी चरण पर पहुंच चुका है।
इस भव्य मंदिर का निर्माण 2022 तक पूरा होने की संभावना है। इस मंदिर का निर्माण महेंद्र बापू के मार्गदर्शन में शुरू हुआ है। महेंद्र बापू गुजरात के चांदोन के निवासी हैं मंदिर पूरा होने के बाद इसके दृश्य अत्यंत ही मनोरम दिखाई देने वाले हैं। मंदिर पूर्ण रूप से काले रंग का होगा। बरसात में जब पानी की बूंदें बादलों से नीचे गिर कर शिवलिंग का अभिषेक करेंगी, तो वह दृश्य अद्भुत दिखाई देगा।
मंदिर की ऊंचाई 60 फुट की है और शिवलिंग की ऊंचाई 40 फुट की है। संपूर्ण मंदिर परिसर 108 बाइ 108 स्क्वायर फुट का होगा। औरंगाबाद का प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग यानी घृष्णेश्वर का मंदिर पारंपरिक दक्षिण भारतीय वास्तुकला का उत्तम नमूना है। समय -समय इस मंदिर का मरम्मत किया जाता रहा है। इसकी दीवारों पर देवी देवताओं की मूर्तियां खुदी हुई हैं। यहां 24 खम्भों से बनाया गया सभामंडप पर सुंदर नक्काशी की गई हैं।