बुधवार, भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी (27 अगस्त) से शनिवार, चतुर्दशी (6 सितंबर) तक देश भर में गणेशोतस्व मनाया जाएगा। इन दस दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में देशभर के मंदिरों और घरों में भव्य सजावट, पूजा-अर्चना और प्रसाद का विशेष महत्व रहता है। साथ ही गणपति बप्पा को सबसे प्रिय मिठाई मोदक है, इसलिए भक्त इस अवसर पर अलग-अलग प्रकार के मोदक बनाकर उन्हें अर्पित करते हैं। परंपरा के अनुसार ये लड्डूनुमा पकवान चावल के आटे या गेहूं के आटे से बनाए जाते हैं और इनके भीतर नारियल, गुड़ व सूखे मेवों की मीठी भरावन डाली जाती है।
इस गणेशोत्सव पर आप भी अपने घर बाप्पा के खास पसंदीदा मोदक बना सकते हैं। आइए जानते हैं पाँच लोकप्रिय रेसिपी के बारे में:
उकडीचे मोदक (स्टीम्ड मोदक):
महाराष्ट्र के कोकण क्षेत्र की यह पारंपरिक डिश गणपती बाप्पा की सबसे प्रिय मिठाई मानी जाती है। इसे बनाने के लिए चावल के आटे को पानी से गूंथा जाता है। अंदर की भरावन कद्दूकस नारियल, गुड़ और इलायची पाउडर से तैयार होती है। छोटे-छोटे हिस्से लेकर मोदक का आकार दिया जाता है और इन्हें भाप में पकाया जाता है। तैयार होने पर ये बेहद नरम और सुगंधित लगते हैं। यह महाराष्ट्र की परंपरा से जुड़ा हुआ मोदक है और बप्पा का सबसे प्रिय भोग माना जाता है। नरम, हल्के और नारियल-गुड़ की मीठी भरावन से भरे ये मोदक खाने में बेहद लाजवाब लगते हैं।
सामग्री:
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1 कप चावल का आटा
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1¼ कप पानी
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1 छोटा चम्मच घी
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चुटकीभर नमक
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1 कप कद्दूकस किया हुआ ताज़ा नारियल
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¾ कप गुड़ (कद्दूकस किया हुआ)
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½ छोटा चम्मच इलायची पाउडर
विधि
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सबसे पहले एक कड़ाही में नारियल और गुड़ डालकर धीमी आंच पर पकाएं। मिश्रण गाढ़ा हो जाए और हल्की सुगंध आने लगे, तो उसमें इलायची पाउडर डालकर गैस बंद कर दें। यह भरावन तैयार है।
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अब पानी को उबालें, उसमें घी और नमक डालें। धीरे-धीरे उसमें चावल का आटा मिलाएं और लकड़ी के चमचे से चलाते हुए गाढ़ा आटा गूंथ लें।
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जब आटा थोड़ा ठंडा हो जाए, तो हाथ में घी लगाकर मुलायम गूंध लें।
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छोटे-छोटे हिस्से लें, उन्हें कटोरी जैसा आकार दें और उसमें नारियल-गुड़ की भरावन भरें। ऊपर से किनारे मिलाकर मोदक का शिखरनुमा आकार दें।
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तैयार मोदकों को स्टीमर या इडली पात्र में लगभग 10–12 मिनट तक भाप में पकाएं।
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गर्मागर्म नरम मोदक घी के साथ परोसें और बप्पा को भोग लगाएं।
तले हुए मोदक (फ्राइड मोदक)
भाप में पके मोदकों से बिल्कुल अलग, यह कुरकुरा स्वाद देता है। मैदा और घी से तैयार आटे को आधा घंटे तक आराम दिया जाता है। नारियल-गुड़ की भरावन तैयार करने के बाद छोटी-छोटी पूरियां बेलकर उनमें मिश्रण भरा जाता है और किनारों को अच्छे से बंद कर लिया जाता है। इसके बाद इन्हें तेल में सुनहरा होने तक तल लिया जाता है। गर्मागर्म कुरकुरे मोदक खाने में बेहद लाजवाब लगते हैं।
सामग्री
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1 कप मैदा
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2 बड़े चम्मच घी
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आवश्यकतानुसार पानी
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1 कप कद्दूकस नारियल
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¾ कप गुड़ (कद्दूकस किया हुआ)
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½ छोटा चम्मच इलायची पाउडर
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तलने के लिए तेल
विधि
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एक परात में मैदा लें, उसमें घी डालें और हाथ से मसलें। फिर धीरे-धीरे पानी डालते हुए सख्त आटा गूंथ लें। इसे 20–30 मिनट ढककर रख दें।
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नारियल और गुड़ को धीमी आंच पर पकाकर भरावन तैयार करें। इसमें इलायची पाउडर डालकर ठंडा होने दें।
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अब आटे की छोटी-छोटी लोइयां बनाएं और उन्हें पूरियों की तरह बेलें।
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हर पुरी में एक बड़ा चम्मच भरावन रखें और किनारों को मिलाकर मोदक का आकार दें।
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कढ़ाही में तेल गर्म करें और मोदक को धीमी से मध्यम आंच पर तलें। जब तक वे सुनहरे भूरे और कुरकुरे न हो जाएं, तब तक तलते रहें।
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तैयार मोदक को निकालकर पेपर टॉवल पर रखें और फिर प्रसाद के रूप में परोसें।
गणेश चतुर्थी पर अलग-अलग तरह के मोदक बनाना परंपरा का हिस्सा है, जो उत्सव को और भी खास बना देता है। चाहे उकडीचे मोदक की सादगी हो या फ्राइड मोदक की कुरकुराहट, हर स्वाद बप्पा को प्रसन्न करने और भक्तों के मन को तृप्त करने वाला है। .
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