हनुमान जी के प्रकटोत्सव के दिन को हम हनुमान जयंति के रूप में मनाते हैं। इस साल यह पावन पर्व 27 अप्रैल के दिन है। अगर आपकी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैया चल रही है या फिर शनि अशुभ फल दे रहे हैं तो इस दिन पूजा करने से आपको विशेष फल मिलेगा। ऐसा माना जाता है कि शनिदेव हनुमान जी से डरते हैं और उनके भक्तों को परेशान नहीं करते। इसी वजह से हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के परम भक्त हनुमान को संकट मोचन के नाम से भी जाना जाता है। कुछ हनुमान भक्तों का मानना है कि कलयुग में हनुमान सबसे प्रभावी भगवान हैं और आसानी से अपने भक्तों के संकट दूर करते हैं। उनके नाम का उच्चारण करने से ही आसुरी शक्तियां दूर हो जाती हैं। हिंदू धर्म के अनुसार मान्यता है कि हनुमान जी ने शिव के 11वें अवतार के रूप में माता अंजनि की कोख से जन्म लिया था। उन्हें परम बलशाली और मंगलकारी माना जाता है। हनुमान जी का आशीर्वाद कलयुग में सबसे ज्यादा प्रभावी है। कथाओं की माने तो हनुमान के जन्म में भगवान विष्णु और बांस के पेड़ का भी योगदान है।