Makar Sankranti: क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति?, ये है धार्मिक महत्व     

पुराणों में मकर संक्रांति को देवताओं का दिन कहा जाता है

Makar Sankranti: क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति?, ये है धार्मिक महत्व     

हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति का बहुत ही बड़ा महत्त्व है। इस सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान किया जाता है और दान पुण्य किया जाता है। पुराणों में मकर संक्रांति को देवताओं का दिन कहा जाता है। इसे खिचड़ी नाम से भी जाना जाता है। वहीं दिन सूर्य देव की पूजा को शुभ माना गया है। वैदिक पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जा जाती है। लेकिन इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जा रही है। इसके बारे में एक कथा प्रचलित है।

पिता पुत्र के बीच अच्छे संबंध: धार्मिक कथा के अनुसार सूर्य देव अपने पुत्र शनि देव से से मिलने जाते हैं । जब भगवान सूर्य देव  शनि देव से मिलने जाते हैं तब वे मकर राशि का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं। कहा जाता है कि पिता पुत्र के बीच अच्छे संबंध स्थापित करने और मतभेदों को भुलाने के लिए सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं। तब इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। धार्मिक कथाओं में कहा गया है कि मकर संक्रांति के ही दिन बाणों की शैया पर लेटे भीष्म पितामह ने अपने प्राण त्यागे थे।
दान सौ गुना फल देता है: मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदी में लोग स्नान कर दान पुण्य करते हैं। कहा जाता है इस दिन गंगा में स्नान करने से  पापों से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि इस दिन किया गया दान सौ गुना फल देता है। इतना ही नहीं यह भी कहा जाता है कि मकर संक्रांति के दिन  घी ,तिल ,गुड़ और खिचड़ी दान करना शुभ होता है। उदय तिथि के अनुसार मकर संक्रांति 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी। मकर संक्रांति की शुरुआत 14 जनवरी 2023 को 8 बजकर 43 मिनट से शुरू से होगी।
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