25 C
Mumbai
Thursday, November 28, 2024
होमधर्म संस्कृतिनागपंचमी आज, जानिए कब है शुभ मुहूर्त

नागपंचमी आज, जानिए कब है शुभ मुहूर्त

Google News Follow

Related

इस बार नागपंचमी 13 अगस्त को यानी आज मनाई जाएगी। नागपंचमी पर नागों की पूजा की जाती है। इस दिन लोग अपने घरों-मंदिरों आदि जगहों पर दूध के साथ अन्य चीजे चढ़ाते हैं। हिन्दू धर्म में नागों को देवता के रूप में पूजा गया है। आइये जानते हैं नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त कब है।
 
12 देव नागों का स्मरण करना चाहिए:  नाग पंचमी के दिन अनंत, वासुकि, शेष, पद्म, कंबल, अश्वतर, शंखपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक, कालिया और पिंगल इन 12 देव नागों का स्मरण करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भय तत्काल खत्म होता है। ‘ऊं कुरुकुल्ये हुं फट् स्वाहा’ मंत्र का जाप लाभदायक माना जाता है। कहते हैं कि नाम स्मरण करने से धन लाभ होता है। साल के बारह महीनों, इनमें से एक-एक नाग की पूजा करनी चाहिए। कहा जाता है कि दत्तात्रेय जी के 24 गुरु थे, जिनमें एक नाग देवता भी थे।
शुभ मुहूर्त कब: हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाएगी। इस बार पंचमी तिथि की शुरुआत 12 अगस्त 2021, गुरुवार को दोपहर 3 बजकर 24 मिनट से होगी, जो कि 13 अगस्त, शुक्रवार को दोपहर 1 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी। नाग पंचमी का त्योहार 13 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 13 अगस्त की सुबह 05 बजकर 48 मिनट से 08 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
80 प्रकार के नाग कुल:  अग्निपुराण में 80 प्रकार के नाग कुल बताए गए हैं।  मगर अष्टनाग में विष्णु के सेवक अनन्त, शिव के सेवक वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कोटक और शंख. मगर पुराणों के अनुसार सांप दो प्रकार होते हैं, दिव्य और भौम. दिव्य सर्प वासुकि और तक्षक आदि हैं। इन्हें पृथ्वी का बोझ उठाने वाला और अग्नि समान तेजस्वी माना जाता है।  इनके नाराज होने पर फुफकार से पूरी दुनिया खत्म हो सकती है। जमीन पर पैदा होने वाले सांपों की दाढ़ में जहर होता है, यही सांप जीवों को काटते हैं। माना जाता है कि भारत में इन्हीं आठ सर्पों का कुल विस्तारित हुआ, जिसमें महापद्म, कुलिक, नल, कवर्धा, फणि-नाग, भोगिन, सदाचंद्र, धनधर्मा, भूतनंदि, शिशुनंदि या यशनंदि तनक, तुश्त, ऐरावत, धृतराष्ट्र, अहि, मणिभद्र, अलापत्र, शंख चूड़, कम्बल, अंशतर, धनंजय, कालिया, सौंफू, दौद्धिया, काली, तखतू, धूमल, फाहल, काना, गुलिका, सरकोटा आदि नाग वंश हैं।

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,290फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
200,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें