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Thursday, November 14, 2024
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ठाणे में प्रथमेश के आगमन की धूम

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– राज सोनी / न्यूज डंका –

ठाणे। ठाणे के विंबलडन पार्क निवासी तापड़िया परिवार के यहां हरेक साल की तरह इस बार भी विघ्नहर्ता-सुखकर्ता भगवान् श्रीगणेश का 10 सितंबर, 2021 को शुभागमन हो रहा है। तापड़िया परिवार का मानना है कि भले ही कोरॉना महामारी ने हमें भौतिक रूप से मिलने पर पाबंदी लगवा दी है, लेकिन वेब तकनीक के जरिए इस दूरी को कम किया जा सकता है।

जूम ऐप का यूं सदुपयोग

परिवार के प्रमुख राजेंद्र तापड़िया के मुताबिक इसी को ध्यान में रखते हुए जूम ऐप पर भजन,आरती,सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा आदि द्वारा रिझाते हुए बप्पा का सत्कार किया जाएगा। बीच-बीच में मुख्य स्क्रीन पर मशहूर ‘ लालबाग चा राजा ‘ का लाइव दर्शन, गोविंददेवजी मोती डूंगरी (जयपुर), करणीमाता (देशनोक), गोवर्धन जी (वृंदावन), गोल्डन टैंपल, दगडू सेठ हलवाई (पुणे) के गणपति,,श्री बालाजी महाराज (सालासर),सहित ऋषिकेश से माँ गंगा, काशी से भगवान विश्वनाथ का भी लाइव दर्शन कराने की व्यवस्था की गई है।

सरदार जी के घर विराजते हैं बप्पा

उधर, उथलसर इलाके में रहने वाले समाजसेवी एडवोकेट सतनाम सिंह रसगोत्रा भी अपने निवास ‘ रसगोत्रा हाउस ‘ में बीते कई बरसों से गणेशजी की प्रतिष्ठापना कर रहे हैं। सिख समाज के होने के बावजूद सतनाम सर्वधर्मसमभाव में गहरी आस्था रखते हैं। उनके घर डेढ़ दिन के गणपति विराजते हैं और अगले दिन सत्यनारायण की महापूजा के बाद बप्पा की शानदार विदाई की जाती है। फिलहाल,’ रसगोत्रा हाउस ‘ प्रथमेश के सुस्वागतम की तैयारियों में व्यस्त है। सतनाम पेशे से अधिवक्ता हैं।

गौरी-गणपति

मानपाड़ा में गब्बर तबेला के निकट निवासी संजय भिकाजी कदम के घर बीते साल से 5 दिन के गणपति बिठाए जा रहे हैं, पहले उनके यहां पूरे 10 दिन के गणेश जी बैठा करते थे, पर अब यह महापर्व मूलतः कोंकणी कदम परिवार ने गौरी-गणपति तक सीमित कर दिया है। संजय कदम ठाणे मनपा के वॉटर सप्लाई डिपार्टमेंट में कार्यरत हैं। दोनों बेटे बंटी और रोहन (बबड़ी) अपने पिता के संग बप्पा के आगमन की तैयारियों में जुटे हुए हैं। गणेशोत्सव में कोंकणी परंपरा के मुताबिक शादीशुदा बड़ी बेटी ताई भी गौरी की तरह मायके आ जाती है, अपनी नन्हीं बिटिया को साथ लिए और घर की सबसे दक्ष गृहिणी कदम भाभी रोजाना अलग-अलग समय के भोग के लिए बप्पा को विविध तरह के रुचिकर मोदक बनाने में जुटी रहती हैं।

कोरोना के भय से बड़ी आस्था की लय

दरवाजे पर दस्तक देते खड़ी कोरोना की तीसरी लहर के भय के बावजूद गणेशोत्सव का उल्लास अपने चरम पर है। लोग सारे कोरोनारोधी नियमों का पालन करते हुए न सिर्फ अपने घरों, दफ्तरों में गजानन की प्रतिष्ठापना कर रहे हैं, बल्कि सार्वजनिक मंडल वाले भी सादगीपूर्ण व प्रदूषणरहित तरीके से श्रद्धापूर्वक इस आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप देने में तल्लीन हैं।

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