27 C
Mumbai
Saturday, November 23, 2024
होमधर्म संस्कृतिइस्लामिक देशों में भी अब पढ़ायी जायेगी रामायण-महाभारत

इस्लामिक देशों में भी अब पढ़ायी जायेगी रामायण-महाभारत

Google News Follow

Related

अपने नये पाठ्यक्रम में सऊदी अरब ने छात्रों के लिए रामायण और महाभारत को शामिल किया है. प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने बदलते वैश्विक परिदृश्य के बीच देश को ढालने के लिए ‘विजन-2030’ लॉन्च किया है, जिसमें वहां सांस्कृतिक पाठ्यक्रमों के तहत विद्यार्थियों को दूसरे देशों के इतिहास और संस्कृति को भी पढ़ाया जा रहा है. प्रिंस ने अपने देश के छात्रों के लिए अन्य देशों के इतिहास और संस्कृति के अध्ययन को जरूरी बताया है. इसी के तहत यह बताया गया है कि छात्रों को रामायण और महाभारत पढ़ाया जायेगा. अध्ययन विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण भारतीय संस्कृतियों जैसे योग और आयुर्वेद पर ध्यान केंद्रित करेगा.नये विजन 2030 में अंग्रेजी भाषा को भी अनिवार्य कर दिया गया है. सऊदी के पाठ्यक्रम में कहा गया है कि इसके जरिये देश शिक्षित और कुशल कार्यबल का निर्माण करके वैश्विक अर्थव्यवस्था की प्रतिस्पर्धा में शामिल होगा. वहीं अलग-अलग देशों और लोगों के बीच सांस्कृतिक संवादों का आदान-प्रदान वैश्विक शांति और मानव कल्याण में सहायक है.

इसीलिए यहां अंग्रेजी को भी विशेषतौर पर शामिल करने पर जोर दिया गया है.ऊदी के एक ट्विटर यूजर नूफ-अल-मारवाई ने स्क्रीनशॉट साझा करके यह बताया है. उन्होंने लिखा, सऊदी अरब का नया विजन -2030 और सिलेबस एक ऐसा भविष्य बनाने में मदद करेगा, जो समावेशी, उदार और सहिष्णु हो. सामाजिक अध्ययन की पुस्तक का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए उन्होंने लिखा कि मेरे बेटे की स्कूल परीक्षा के सिलेबस में हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, रामायण, महाभारत को जगह दी गयी है. कर्म व धर्म की अवधारणाओं को शामिल किया गया है. उन्होंने लिखा कि उन्हें अपने बेटे को किताब पढ़ने में मदद करके काफी मजा आया.लंका और बर्मा में रामायण कई रूपों में प्रचलित है. लोकगीतों के अतिरिक्त रामलीला की तरह के नाटक भी खेल जाते हैं. बर्मा में बहुत से नाम ‘राम’ के नाम पर हैं. यहां का रामवती नगर तो राम नाम के ऊपर ही स्थापित हुआ था. मलयेशिया में रामकथा का प्रचार अभी तक है. वहां मुस्लिम भी अपने नाम के साथ अक्सर राम-लक्ष्मण और सीता जोड़ते हैं. यहां रामायण को ‘हिकायत सेरीराम’ कहते हैं. थाईलैंड के पुराने रजवाड़ों में भरत की भांति राम की पादुकाएं लेकर राज करने की परंपरा है. वे सभी अपने को रामवंशी मानते थे.यहां अजुधिया, लवपुरी और जनकपुर जैसे नाम वाले श्हर हैं. यहां पर रामकथा को रामकीरत कहते हैं और मंदिरों में जगह-जगह रामकथा के प्रसंग अंकित हैं. कंबोडिया में हिंदू सभ्यता के अन्य अंगों के साथ-साथ रामायण का प्रचलन आज भी है. छठी शताब्दी के एक शिलालेख के अनुसार, वहां कई स्थानों पर रामायण महाभारत का पाठ होता था.

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,295फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
194,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें