अगस्त का महीना शुरू हो गया है। अगस्त माह पर्वों से भरा माह है। फ़िलहाल सावन चल रहा है। जिसमें हर सोमवार को शिव की पूजा की जाती है। जो 22 अगस्त को खत्म हो रहा है। इस माह कई ऐसे त्यौहार पड़ेंगे जो हिन्दू धर्म में महत्त्व रखते हैं। तो बताते हैं कि कौन सा त्यौहार कब आएगा।
5 अगस्त, प्रदोष व्रत: सावन माह में कृष्ण पक्ष में पड़ने वाला प्रदोष व्रत 5 अगस्त को है। 5 अगस्त को गुरुवार है, इसलिए इस प्रदोष व्रत को गुरु प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा। इस दिन भोले शंकर और माता पार्वती की पूजा- अर्चना की जाती है।
मासिक शिवरात्रि, 6 अगस्त: 6 अगस्त को मासिक शिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाएगा। मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की पूजा- अर्चना की जाती है। सावन के महीने में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि का महत्व बहुत अधिक होता है।
8 अगस्त, श्रावण अमावस्या: 8 अगस्त को श्रावण अमावस्या है। सावन माह में पड़ने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है।
13 अगस्त,नाग पंचमी: सावन माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पावन पर्व मनाया जाता है। इस पावन दिन नाग देवता की पूजा- अर्चना की जाती है।
17 अगस्त, सिंह संक्रांति: सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति के नाम से जाना जाता है। 17 अगस्त को सूर्य सिंह राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इस दिन भगवान सूर्य, विष्णु भगवान और नरसिंह भगवान की पूजा की जाती है।
18 अगस्त, पुत्रदा एकादशी: हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। सावन माह में शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह व्रत संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है।
20 अगस्त, प्रदोष व्रत: सावन माह में शुक्ल पक्ष में पड़ने वाला प्रदोष व्रत 20 अगस्त को है। 20 अगस्त को शुक्रवार है, इसलिए इस प्रदोष व्रत को शुक्र प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा। इस पावन दिन माता पार्वती और भोलेनाथ की पूजा- अर्चना की जाती है।
21 अगस्त,ओणम: ओणम केरल में मनाया जाने वाला प्रसिद्ध त्योहार है। यह पर्व 10 दिनों तक मनाया जाता है। इस त्योहार में भगवान विष्णु और बाली की पूजा की जाती है।
22 अगस्त,रक्षाबंधन : भाई- बहन का पावन त्योहार रक्षाबंधन 22 अगस्त को मनाया जाएगा। इस पावन दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं।
25 अगस्त, कजरी तीज: कजरी तीज का पावन पर्व भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं।
30 अगस्त,जन्माष्टमी: कृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व हर साल भाद्रपद महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की पूजा होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था।