हिंदू छात्रों के सर से मिटाए तिलक, दो महिला शिक्षिक निलंबित!

तिलक विवाद के बाद उषा पर मुस्लिम छात्रों के सिर से टोपी उतारने का आरोप लगाया गया है।

हिंदू छात्रों के सर से मिटाए तिलक, दो महिला शिक्षिक निलंबित!

Tilak removed from heads of Hindu girl students, two female teachers suspended!

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के एक उच्च प्राथमिक पब्लिक स्कूल में हिंदू बच्चों के माथे से तिलक हटाने को लेकर हुए विवाद के बाद दो शिक्षकों को पर निलंबन की कारवाई हुई है। उनके नाम आयशा और उषा हैं। जबकि मुख्तार अहमद अंसारी और राजेंद्र कुमार समेत दो अन्य को एक साल के लिए वार्षिक वेतन वृद्धि से वंचित कर दिया गया है। साथ ही साथ चारों शिक्षकों का तबादला दूसरे विद्यालय में कर दिया गया है।

दरसल घटना किरतपुर ब्लॉक के भनेरा गांव के एक स्कूल की है। 24 अगस्त को, जिला मजिस्ट्रेट अंकित कुमार अग्रवाल ने सोशल मीडिया पर प्रसारित शिक्षक तनवीर और आयशा द्वारा छात्रों के माथे से तिलक हटाते हुए एक वीडियो की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति नियुक्त की थी।

अगस्त में, हिंदू छात्रों ने आरोप लगाया कि एक शिक्षक ने मुस्लिम छात्रों को स्कूल के समय में एक मस्जिद में प्रार्थना करने के लिए कहा। साथ ही मुस्लिम छात्रों को सिर पर टोपी पहनने की इजाजत है लेकिन, हिंदू छात्रों को तिलक लगाने की मनाई थी। निलंबित शिक्षिका आयशा ने कहा कि उनके खिलाफ किए गए दावे झूठे हैं क्योंकि उनका कहना है कि उन्होंने तिलक नहीं पोंछा। आयशा ने कहा है, “मैं अपने सेवा रिकॉर्ड को साफ़ करने के लिए उच्च अधिकारियों के समक्ष अपनी बेगुनाही का बचाव करूंगी, मैं पिछले 18 सालों से सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहीं हूं और मेरा रिकॉर्ड बेदाग है।”

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जांच समिती की रिपोर्ट में आरोप सही पाए गए, इसीलिए दो शिक्षकों तनवीर आयशा और उषा को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही एक अन्य शिक्षक, मुख्तार अहमद अंसारी और प्रधानाध्यापक राजेंद्र कुमार को एक वर्ष के लिए उनकी वार्षिक वेतन वृद्धि से वंचित कर दिया गया है। मजिस्ट्रेट ने कहा कि जल्द ही स्कूल में नये शिक्षक भेजे जायेंगे।

मुख़्तार अंसारी को मुस्लिम बच्चों को स्कूल के समय मस्जिदों में प्रार्थना करने के लिए कहने के लिए भी दंडित किया गया है। वहीं तिलक विवाद के बाद उषा पर मुस्लिम छात्रों के सिर से टोपी उतारने का आरोप लगाया गया है। कहा जा रहा है, शिक्षक स्कूल परिसर में सांप्रदायिकता फैला रहे थे, जो युवा मस्तिष्क को प्रदूषित करने का एक बहुत ही खतरनाक संकेत था, इसलिए उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ा।

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26 अगस्त को, माता-पिता ने स्कूल में घुसकर विरोध प्रदर्शन किया और प्रभारी प्रिंसिपल कुमार से शिकायत दर्ज कराई, जो स्पष्ट रूप से कोई कार्रवाई करने में विफल रहे। इसके बाद डीएम ने जांच कमेटी नियुक्त कर दी। उन्होंने 31 अगस्त को अपनी रिपोर्ट सौंपी।

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