वाराणसी नगर निगम ने नवरात्रि के पावन पर्व को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा निर्णय लिया है। नगर निगम क्षेत्र में सभी मांस और मछली की दुकानें नवरात्र के दौरान बंद रहेंगी। नगर निगम के उपसभापति नरसिंह दास बाबा ने बताया कि यह फैसला धार्मिक नगरी काशी की परंपराओं और श्रद्धालुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक में इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अगर कोई दुकानदार इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है।
वाराणसी को सनातन संस्कृति का केंद्र माना जाता है, जहां नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना बड़े धूमधाम से होती है। ऐसे में इस आदेश को श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं के सम्मान में लिया गया निर्णय बताया जा रहा है।
इससे पहले, जनवरी में भी नगर निगम ने एक आदेश जारी कर काशी विश्वनाथ मंदिर के दो किलोमीटर के दायरे में मांस-मछली की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था। कार्यकारिणी बैठक में यह तय किया गया कि मंदिर क्षेत्र के आसपास अब किसी भी तरह की मांस-मछली की दुकान नहीं खुल सकेगी।
हालांकि, इस फैसले का स्थानीय दुकानदारों ने विरोध किया है। नगर निगम ने कई दुकानदारों को नोटिस भी भेजा था, जिसमें बताया गया कि निरीक्षण के दौरान इन दुकानों का संचालन अवैध रूप से किया जा रहा था और इनके पास आवश्यक लाइसेंस नहीं थे। इसके अलावा, इन दुकानों में साफ-सफाई की भी अनदेखी पाई गई थी।
वाराणसी के मेयर अशोक तिवारी ने कहा, “पिछले साल सदन और कार्यकारिणी की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया था कि काशी विश्वनाथ मंदिर के दो किलोमीटर के दायरे में कोई भी मांस या मांसाहारी उत्पादों की दुकान नहीं होनी चाहिए। अब नवरात्रि के दौरान पूरे नगर निगम क्षेत्र में यह नियम लागू रहेगा।”
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