कॉमनवेल्थ गेम्स का रंगारंग कार्यक्रम हुआ। भारत ने गेम के आखिरी दिन छह मेडल के साथ पदक तालिका में 61 मेडल के साथ चौथे पर पहुंच गया। इस गेम में सबसे ज्यादा 12 पदक रेसलर्स ने झटके। बैडमिंटन में तीन स्वर्ण पदक मिले। पीवी सिंधु ने महिला एकल बैडमिंटन के फाइनल में कनाडा की मिशेल ली को हराया और स्वर्ण जीता। वहीं बीस वर्षीय लक्ष्य सेन ने पुरुष एकल में मलेशिया के जेई यंग को पराजित कर भारत के हिस्से में स्वर्ण पदक दिलाया।
इसके बाद युगल पुरुष में भारत के सात्विक साइराज और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने इंग्लैंड के सीन वेंडी और वेन लेन की जोड़ी को हरा कर फाइनल मुकाबला जीत कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। टेबल टेनिस में एकल पुरुष प्रतियोगिता में भारत के सथियाना ने इंग्लैंड के खिलाड़ी को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। एकल टेबल टेनिस में चालीस वर्षीय शरथ कमल ने लियाम पिचफोर्ड को हराकर यह मुकाबला जीत लिया और स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
भारतीय हॉकी टीम तीसरी बार राष्ट्रमंडल खेल के फाइनल में पहुंची थी, लेकिन जीत नहीं सकी। टीम इंडिया को 2010 और 2014 के फाइनल में आस्ट्रेलिया ने हराया था। इस बार टीम इंडिया के पास मौका था, परंतु शर्मनाक प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार गई और स्वर्ण पदक पाने का मौका भारत ने खो दिया। फिलहाल भारत को रजत पदक से ही संतोष करना होगा। इसी तरह से हॉकी फाइनल में हार के साथ भारत का अभियान समाप्त हो गया। और भारत के खाते में कुल 22 स्वर्ण,16 सिल्वर और 23 कांस्य पदक आए। इस तरह भारत की झोली में कुल 61 पदक जीते।
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