बर्मिंघम में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम में भारत की ओर से बैडमिंटन टीम के स्वर्ण पदक फाइनल में पी.वी. सिंधु ने दमदार प्रदर्शन से जीत हासिल की, लेकिन भारत के अन्य बैडमिंटन खिलाड़ी प्रदर्शन के अनुरूप नहीं खेल सके और इसी वजह से भारत को सिल्वर पदक से संतोष करना पड़ा। मलेशिया ने भारत को 3-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया।
भारत की शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी सिंधु ने आज के मैच में दमदार प्रदर्शन किया। सिंधु को मलेशिया की गोह जिन वेई पर सीधे दो गेम में जीत हासिल करते हुए देखा गया। सिंधु ने पहला मैच 22-20 से जीता। पहले मैच में सिंधु और वेई का करीबी मुकाबला था, लेकिन सिंधु ने अपने अनुभव और बेहतर प्रदर्शन से पहला मैच जीत लिया। दूसरे गेम में सिंधु ने शानदार खेल दिखाया। सिंधु ने दूसरा गेम 21-17 से जीता और वेई को हराया। सिंधु की जीत ने भारत को मलेशिया से 1-1 की बराबरी दिला दी।
भारत को इस बार किदांबी श्रीकांत से काफी उम्मीदें थीं। लेकिन उन्हें मलेशिया के तिजियांग से 19-21, 21-6 और 16-21 से हार का सामना करना पड़ा। तो एक बार फिर भारत 1-2 से पीछे हो गया। उसके बाद भारत और मलेशिया के बीच निर्णायक महिला युगल मैच शुरू हुआ। इस मैच में हारने पर भारत को गोल्ड मेडल गंवाना पड़ा है। भारत को सिल्वर मेडल से ही संतुष्ट करना पड़ा| इस मैच में भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही। गायत्री गोपीचंद और थ्रीसा जॉली मलेशिया के मुरलीधरन थिनाह और कुंग ले पर्ली टैन से हारकर भारत की चुनौती को समाप्त कर दिया।
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