स्पेन के दूतावास ने 17 अक्टूबर को एक अजीबोगरीब फैसला करते हुए, 21 भारतीय पहलवानों को वीजा देने से इनकार कर दिया, जिन्हें पोंटेवेदरा में अंडर-23 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में हिस्सा लेना था। वहीं राष्ट्रीय महासंघ ने सोमवार वीजा आवेदन खारिज करन के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि उन्हें संदेह है कि खिलाड़ी वीजा अवधि समाप्त होने तक देश नहीं छोड़ेंगे।
वहीं डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने पीटीआई से कहा कि इस तरह की स्थिति का सामना पहले कभी नहीं किया था। वहीं भारत सरकार का मंजूरी पत्र और विश्व कुश्ती की संचालन संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू का निमंत्रण पत्र दिखाने के बाद भी पहलवानों को वीजा नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में हमारी समझ से परे है कि अधिकारी इस नतीजे पर कैसे पहुंचे कि भारतीय पहलवान और कोच वापस भारत नहीं लौटेंगे।
दरअसल भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने सोमवार से शुरू हुई चैंपियनशिप के लिए 30 सदस्ययी टीम चुनी थी, जबकि इनमें से केवल नौ खिलाड़ियों को ही वीजा दिया गया। जो भारतीय पहलवान चैंपियनशिप में भाग लेने से चूक गए उनमें अंडर 20 महिला विश्व चैंपियन अंतिम पंघाल भी शामिल है। डब्ल्यूएफआई ने अपने नौ कोच के लिए भी वीजा आवेदन किया था, लेकिन केवल छह को ही वीजा मिला।
जबकि फ्रीस्टाइल के 10 पहलवानों में से केवल अमन (57 किग्रा) को वीजा मिला जबकि नौ अन्य के आवेदन खारिज कर दिए गए। वहीं फ्रीस्टाइल के तीन कोच को वीजा दिया गया। छह ग्रीको रोमन पहलवान और महिलाओं में से केवल अंकुश (50 किग्रा) और मानसी (59 किग्रा) को ही वीजा मिला। छह ग्रीको रोमन पहलवान पहले ही स्पेन पहुंच चुके हैं और दो महिला पहलवान रविवार को रवाना हो गई हैं।
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