इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 में कोलकाता नाइट राइडर्स के अनुभवी स्पिनर सुनील नरेन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उम्र महज एक आंकड़ा है। 36 वर्षीय नरेन ने चेन्नई सुपर किंग्स को उनके ही गढ़ चेपॉक में अपने स्पिन से ध्वस्त कर दिया और एक यादगार प्रदर्शन के साथ ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का खिताब अपने नाम किया।
आईपीएल 2025 के 23वें मैच में नरेन ने अपने चार ओवर के स्पेल में महज 13 रन देकर 3 विकेट झटके। उनके इस प्रदर्शन की बदौलत पांच बार की चैंपियन चेन्नई की टीम सिर्फ 103 रन पर सिमट गई और कोलकाता ने 8 विकेट से मुकाबला जीत लिया।
इस प्रदर्शन के बाद नरेन को ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया, जो IPL 2018 से अब तक 99 मैचों में उनका 9वां POTM अवॉर्ड है। वहीं अगर सिर्फ KKR की बात करें तो उन्होंने कुल 16 बार ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ जीता है—जो टीम के लिए सबसे ज्यादा है। इस सूची में आंद्रे रसेल 15 बार के साथ दूसरे स्थान पर हैं।
सुनील नरेन ने अब तक 181 आईपीएल मैचों में 25.46 की औसत से 185 विकेट झटके हैं और वे आईपीएल के सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों में चौथे स्थान पर हैं। स्पिनर्स को IPL में हमेशा कठिन चुनौती का सामना करना पड़ता है, जहां युजवेंद्र चहल, पीयूष चावला, रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा जैसे बड़े नामों पर 200 से अधिक छक्के लग चुके हैं, वहीं नरेन पर अब तक सिर्फ 175 छक्के लगे हैं।
सीएसके के खिलाफ भी नरेन का रिकॉर्ड बेहद मजबूत है। उन्होंने इस टीम के खिलाफ अब तक 26 विकेट लिए हैं, जो किसी भी गेंदबाज द्वारा CSK के खिलाफ दूसरे सबसे ज्यादा विकेट हैं। इस मामले में उनसे आगे सिर्फ लसिथ मलिंगा (31 विकेट) हैं।
महेंद्र सिंह धोनी के खिलाफ नरेन का रिकॉर्ड खासतौर पर चर्चा में है। टी20 क्रिकेट में धोनी ने नरेन के खिलाफ सिर्फ 52.17 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाज़ी की है, और औसत सिर्फ 16 का रहा है। IPL में धोनी नरेन की बॉलिंग पर सिर्फ एक बार चौका लगा सके हैं और वह भी फ्री हिट पर।
सुनील नरेन् ने पोस्ट मैच में कहा, “मैं अपनी ताकत पर ध्यान देने की कोशिश कर रहा हूं। बल्लेबाज अच्छा खेलते हैं, लेकिन अगर आप उन पर ज्यादा ध्यान देते हैं, तो आप पहले से ही दबाव में आ जाते हैं। आप अभ्यस्त हो जाते हैं और जितनी जल्दी हो सके तालमेल बैठाने की कोशिश करते हैं। आप देखते हैं कि पावरप्ले में क्या होता है और टीम की मदद करने की कोशिश करते हैं। यह बहुत सीधी बात है कि आपका काम टीम को एक अच्छी शुरुआत दिलाना है। कभी-कभी यह काम करता है, कभी-कभी नहीं।”
सुनील नरेन का यह प्रदर्शन यह बताता है कि अनुभव, धैर्य और आत्मविश्वास के साथ कोई भी खिलाड़ी किसी भी मंच पर खुद को बार-बार साबित कर सकता है—फिर चाहे वह 36 की उम्र पार कर चुका क्यों न हो।
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