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महिला क्रिकेट विश्व कप क्वालीफायर:क्यों होगा यह अब तक का सबसे प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट!

ये क्वालीफायर आपकी ऊर्जा की असली परीक्षा लेते हैं। एक छोटी सी चूक पूरे टूर्नामेंट पर असर डाल सकती है। इसलिए हर टीम के लिए मजबूत शुरुआत जरूरी होती है।

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पाकिस्तान महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान सना मीर का मानना है कि इस साल का आईसीसी महिला विश्व कप क्वालीफायर टूर्नामेंट अब तक का सबसे कड़ा और प्रतिस्पर्धी साबित हो सकता है। तीन क्वालीफायर टूर्नामेंट (2008, 2011 और 2017) में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर चुकीं सना मीर को इस प्रतियोगिता का गहरा अनुभव है और वह आने वाले मुकाबलों को लेकर उत्साहित हैं।

सना मीर ने कहा कि पाकिस्तान इस बार क्वालीफायर की मेजबानी कर रहा है और भारत में होने वाले विश्व कप के लिए निर्धारित अंतिम दो स्थानों में से एक को हासिल करने की कोशिश करेगा। उन्होंने कहा, “बहुत उत्साह है और सभी इस टूर्नामेंट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वेस्टइंडीज, बांग्लादेश, आयरलैंड, स्कॉटलैंड, थाईलैंड जैसी टीमें शानदार फॉर्म में हैं और कड़ी टक्कर देंगी।”

उन्होंने वेस्टइंडीज की कप्तान हेली मैथ्यूज की नेतृत्व क्षमता की तारीफ करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में वेस्टइंडीज का प्रदर्शन शानदार रहा है। बांग्लादेश ने भी भारत, दक्षिण अफ्रीका और आयरलैंड जैसी टीमों के खिलाफ अच्छे नतीजे दिए हैं। वहीं, स्कॉटलैंड की टीम कैथरीन ब्राइस के नेतृत्व में मजबूत दिख रही है, और थाईलैंड की कार्यशैली को भी उन्होंने सराहा।

पाकिस्तान की मौजूदा कप्तान फातिमा सना को लेकर सना मीर ने भरोसा जताया। उन्होंने कहा, “फातिमा सना एक अच्छी कप्तान हैं और उन्होंने जिम्मेदारी मिलने के बाद से प्रभावशाली प्रदर्शन किया है। टीम में युवा खिलाड़ियों की संख्या अधिक है, लेकिन उनके साथ सिदरा अमीन, मुनीबा अली, आलिया रियाज और डायना बेग जैसी अनुभवी खिलाड़ी मौजूद हैं जो संतुलन बनाती हैं।”

सना मीर ने अपने करियर की यादें भी साझा कीं। उन्होंने 2009 विश्व कप क्वालीफायर में आयरलैंड के खिलाफ पहला मैच जीतने को यादगार पल बताया। “वह मैच बेहद कम स्कोर वाला था, लेकिन हम जीतने में कामयाब रहे। यह टूर्नामेंट मेरे और टीम के लिए बहुत खास था।” इसके अलावा 2011 में बांग्लादेश में हुए क्वालीफायर में दक्षिण अफ्रीका पर मिली जीत को भी उन्होंने यादगार करार दिया।

उन्होंने कहा, “ये क्वालीफायर आपकी ऊर्जा की असली परीक्षा लेते हैं। एक छोटी सी चूक पूरे टूर्नामेंट पर असर डाल सकती है। इसलिए हर टीम के लिए मजबूत शुरुआत जरूरी होती है।” पाकिस्तान की युवा टीम इस बार सना मीर और उनकी पीढ़ी के नक्शे कदम पर चलने की कोशिश करेगी। पूर्व कप्तान को उम्मीद है कि टीम दबाव में निखरेगी और बड़े मंच पर अपने प्रदर्शन से सबको चौंकाएगी।

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