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Friday, December 5, 2025
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कैसे जेलीफिश के कारण फ्रांस का ग्रेवलाइन्स परमाणु संयंत्र हुआ बंद!

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फ्रांस के उत्तरी तट पर स्थित ग्रेवलाइन्स परमाणु ऊर्जा संयंत्र को जेलीफिश के एक विशाल झुंड ने अचानक ठप कर दिया। संयंत्र का संचालन करने वाले ऊर्जा समूह ईडीएफ ने सोमवार को बताया कि रविवार देर रात समुद्री जीवों के झुंड ने कूलिंग सिस्टम के फिल्टर जाम कर दिए, जिससे संयंत्र की चार बिजली इकाइयां अपने आप बंद हो गईं। रखरखाव कार्य के कारण दो अन्य इकाइयां पहले से ही बंद थीं, जिसके चलते पूरा संयंत्र ठप हो गया।

ईडीएफ के मुताबिक, इस घटना का संयंत्र, कर्मियों या पर्यावरण की सुरक्षा पर कोई असर नहीं पड़ा। जिलेटिन जैसे ये समुद्री जीव केवल गैर-परमाणु हिस्से तक ही पहुंच पाए। संस्था ने बताया कि तकनीकी टीमें तुरंत सक्रिय हो गईं और उत्पादन इकाइयों को सुरक्षित रूप से फिर से शुरू करने की तैयारी में जुट गई हैं।

ग्रेवलाइन्स संयंत्र उत्तरी सागर से जुड़े एक चैनल से कूलिंग के लिए पानी लेता है। उत्तरी सागर में जेलीफिश की कई प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनका तटीय बिजली संयंत्रों के संचालन में बाधा डालने का पुराना इतिहास है। वे अक्सर कूलिंग सिस्टम में फंसकर पाइपों को जाम कर देती हैं, जिससे परमाणु और पारंपरिक दोनों तरह के बिजली संयंत्र प्रभावित होते हैं।

ग्रेवलाइन्स, फ्रांस के सबसे बड़े परमाणु संयंत्रों में गिना जाता है। देश की करीब 70% बिजली परमाणु ऊर्जा से आती है। इस संयंत्र की छह इकाइयों में से हर एक की उत्पादन क्षमता 900 मेगावाट है, जिससे यह अकेले लगभग 50 लाख घरों को बिजली देने में सक्षम है।

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