उत्तर प्रदेश में सियासी बयानबाजी एक बार फिर तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव के गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे को लेकर दिए गए बयान पर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने करारा जवाब देते हुए तीखा हमला बोला है।
अखिलेश यादव ने हाल ही में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे को “सबसे महंगा चार लेन राजमार्ग” बताते हुए इसे एक्सप्रेस-वे कहे जाने पर सवाल उठाया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नंदी ने कहा, “विरासत में गद्दी तो मिल सकती है, लेकिन बुद्धि नहीं।” उन्होंने अखिलेश पर तंज कसते हुए उनके नेतृत्व और राजनीतिक परिपक्वता पर भी सवाल खड़े किए।
नंदी ने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने जनता के बीच तपस्या करके पहचान बनाई थी, जबकि अखिलेश ने उनके साथ ‘मुगल परंपरा’ जैसा व्यवहार किया। मंत्री ने आरोप लगाया कि, “मुगल अपने पिता को मारकर सत्ता छीनते थे, और अखिलेश ने भी अपने पिता से गद्दी छीन ली।” उन्होंने कहा कि अखिलेश की बुद्धि पर चर्चा करना “समय की बर्बादी” है।
अखिलेश यादव द्वारा 2027 के विधानसभा चुनाव में सपा की सरकार बनने के दावे पर नंदी ने कहा कि, “जनता मोदी और योगी सरकार के साथ खड़ी है। अखिलेश मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं।”
राजनीतिक बयानबाजी के साथ नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ प्रयागराज के पवित्र त्रिवेणी संगम तट पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में भी सक्रिय रहे। यहां उन्होंने सैकड़ों लोगों के साथ योगाभ्यास किया और लोगों से योग को अपनी जीवनशैली में शामिल करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, “योग न केवल शारीरिक बल देता है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक ऊर्जा का भी स्रोत है।” नंदी ने गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर योगाभ्यास को “सेहत और अध्यात्म का मिलन” बताया।
एक ओर जहां अखिलेश यादव एक्सप्रेस-वे की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं नंद गोपाल गुप्ता उनके पूरे नेतृत्व पर सवाल उठाते नजर आ रहे हैं। योग दिवस के मौके पर यह राजनीतिक टकराव यह भी दिखाता है कि 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां अब बयानबाजी के मोर्चे पर शुरू हो चुकी हैं।
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